गुरुवार, 14 जुलाई 2011

बाल श्रमिको के स्टाईफण्ड मंे गबन की जांच के आदेश

बाल श्रमिको के स्टाईफण्ड मंे गबन की जांच के आदेश
भारत सरकार के अपर सचिव ने राज्य सरकार से मांगी जांच रिपोर्ट
बाड़मेर।
सीमावर्ती बाड़मेर जिले में बाल श्रमिक परियोजना तथा स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा बाल श्रमिक छात्र-छात्राओं के 50 लाख से अधिक की राशि के गबन के मामले में भारत सरकार के पंचायती राज विभाग के अपर सचिव ने मामले की जांच के आदेश दिए  हैं।
इस मामले में पंचायती राज विभाग भारत सरकार के अपर सचिव एल. होकिप ने 16 जून को कृष्णा संस्था के चंदनसिंह भाटी की शिकायत पर कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार के पीआर एवं आरडीविभाग के प्रधान सचिव सी.एस. राजन को पत्र लिखकर  मामले की पूर्ण जांच करने एवं जांच रिपोर्ट मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय हैं कि सीमावर्ती बाड़मेर जिले में बाल श्रमिक परिय®जा तथा स्वयं सेवी संस्थाअ®ं द्धारा बाल श्रमिक छात्र छात्राअ®ं के पचास लाख से अधिक की राशी हड़पने का मामला प्रकाश में आया था। यह राशि बाल श्रमिक विद्यालयों में अधयनरत छात्र छात्राअ®ं के नाम स्टाईफण्ड के रूप में प®स्ट आफिस बाल®तरा में जमा कराई गई थी। मगर स्टाईफण्उ की राशि परिय®जना अधिकारी तथा स्वयंसेवी संस्थाअ®ं नें मिल कर  फर्जी तरीके से उठा ली। बाल श्रमिक छात्र® तथा उनके अभिभावकों क® कानों कान खबर तक नही हई। श्रमिक परिय®जना संस्थान बाल®तरा द्धारा जिले में बाल श्रमिकों के लिए 42 बाल श्रमिक विद्यालयों का संचालन स्वयं सेवी संस्थाअ®ं के माध्य्ाम से
किया गया था। विभागीय नियमानुसार प्रति माह विद्याालय में अध्य्ायनरत बाल श्रमिक छात्र-छात्राओं क® 100 रूपय्® प्रति माह स्टाईफण्ड देने का प्रावधान था। जिसके चलते विभाग तथा संस्थाअ®ं द्वारा 2150 बाल श्रमिकों के खाते प®स्ट आफिस में खुलवाऐ
गए। इन खातों में द® साल के लगभग एकयावन लाख रूपय्® छात्र्ाों के खातों में जमा हुऐ। इस साल ये खाते पूर्ण ह®ने से पूर्व ही विभाग के अधिकारी और परिय®जना में कार्यरत कर्मचारी तथा प्रभारी जगदीश ब®हरा द्धारा संस्थाअ®ं से मिली भगत कर छात्र्ाों के अभिभावक® की जानकारी के बिना फर्जी हस्ताक्षर कर लाखों रूपय्ा®ं का फर्जी भुगतान उठा कर गबन कर लिया। पूरे प्रकरण में विभाग के कर्मचारियों के रिश्तेदारों कमीशन एंजेट की भूमिका अदा की हैं, जिनके माध्य्ाम से खाते ख®ले गए थे। इन
एजेण्टों की मिलीभगत से संस्थाअ®ं तथा विभागीय अधिकारी तथा भ्रष्ट कर्मचारियों नें मिलबंाट कर पचास लाख रूपय्ा®ं में से अधिकंाश प®स्ट ऑफिस से निकाल कर खा लिए। जबकि इन पैसों पर बाल श्रमिक छात्र्ाों का अधिकार था। मगर यह पैसा छात्र्ाों के पास आज तक नही पहुंचा।
इस मामले को लेकर बाल श्रमिक परियोजना से जुड़ी जिले की एक स्वंय सेवी संस्था श्री कृष्णा संस्थान ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर बाड़मेर से करते हुए पूरे प्रकरण की उच्च प्रशासनिक अधिकारी जांच कराने की मांग की थी। इस मामले में पंचायती राज विभाग को भी शिकायत के बारे में अवगत कराया गया था। इसके बाद पंचायती राज विभाग के अपर सचिव एल हौकिप ने इस शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पूरे मामले की जांच के लिए राज्य सरकार को निर्देश जारी किए।

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