सोमवार, 18 जुलाई 2011

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय|

 सुप्रभात, शुभ दिन,good morning.......नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय| 



























नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे "न" काराय नमः शिवायः॥
हे महेश्वर! आप नागराज को हार स्वरूप धारण करने वाले हैं। हे (तीन नेत्रों वाले) त्रिलोचन आप भष्म से अलंकृत, नित्य (अनादि एवं अनंत) एवं शुद्ध हैं। अम्बर को वस्त्र सामान धारण करने वाले दिग्म्बर शिव, आपके न् अक्षर द्वारा जाने वाले स्वरूप को नमस्कार 

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