शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

इलाज में लापरवाही से मौत, डॉक्टर पर 20 लाख जुर्माना


इलाज में लापरवाही से मौत, डॉक्टर पर 20 लाख जुर्माना
उदयपु रजिला उपभोक्ता संरक्षण मंच ने इलाज में लापरवाही से मैकेनिकल मैनेजर की मौत के मामले में निजी हॉस्पिटल और उसके मालिक को दोषी मानते हुए 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। मंच के पीठासीन अधिकारी शिवसिंह चौहान, सदस्य संगीता नेपालिया और वाहिद नूर कुरैशी ने यह राशि मृतक की पत्नी और दो बच्चों को देने का आदेश सुनाया है।

ज्यादा एनेस्थीसिया देने से हुई थी मौत: मृतक प्रमिल कुमार जोशी (49) हिंदुस्तान जिंक की जावर माइंस शाखा में मैकेनिकल मैनेजर पद पर कार्यरत थे। उनकी पत्नी सेक्टर 5 गायत्रीनगर निवासी वीना जोशी, बेटी कोमल व बेटे बबलिश ने 4 फरवरी 2002 को वाद दायर किया। इसमें कहा गया कि 2 फरवरी 2002 को प्रमिल की स्टाफ बस हिरणमगरी में दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें उनके बाएं पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर हुआ। प्रमिल को मधुबन स्थित अंकित ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर ले जाया गया। जहां अस्पताल मालिक डॉ. रतन शर्मा ने सर्जिकल ऑपरेशन की सलाह दी।

डॉ. रतन व डॉ. संगीता की सहमति से प्रमिल को जनरल एनेस्थीसिया दिया गया, जबकि ऐसे मामलों में लोकल एनेस्थीसिया देना चाहिए था। ऑपरेशन के बाद प्रमिल को जब थियेटर से बाहर लाया गया तो वे अचेत थे। थोड़ी देर में उसकी हालत बिगडऩे लगी और जब स्थिति काबू से बाहर हो गई तो उन्हें जनरल हॉस्पिटल के लिए रैफर कर दिया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस संबंध में दोनों डॉक्टरों के खिलाफ हाथीपोल थाने में उपचार में लापरवाही बरतने का केस दर्ज कराया गया था।

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