सोमवार, 6 जून 2011

साइंस को चुनौती दे रहे हैं न्यूजीलैंड के यह 'रहस्यमयी' पत्थर

साइंस को चुनौती दे रहे हैं न्यूजीलैंड के यह 'रहस्यमयी' पत्थर


न्यूजीलैंड के ओटागो तट पर मोएराकी और हैंपडेन के बीच बहुत से विचित्र किस्म के गोलाकार पत्थर बिखरे हुए हैं। मोएराकी बोल्डर्स कहे जाने वाले ये रहस्यमयी पत्थर क्या हैं और धरती पर ये कैसे या किस तरह वजूद में आए हैं। इस तरह के कई सवाल हमेशा से साइंस को चुनौती देते रहे हैं।

इतना जरूर कहा जा सकता है कि यहां पर इनकी मौजूदगी में भूक्षरण (मिट्टी का बहकर जाना), संघनन (तत्वों का घनीभूत होकर ठोस आकार लेना) और समय का अहम रोल रहा होगा। इस जगह पर ये पत्थर पहले नहीं रहे होंगे। कई मिलेनियम में लहरों के साथ ये मटेरियल यहां आकर जमा हुआ होगा। ये सेडीमेंट्री रॉक (तलछटी) हैं, जिनके कणों के बीच में सीमेंट जैसा मटेरियल और भीतरी हिस्से में मिट्टी होगी। ये किस तरह बने, इससे भी बड़ा सवाल इनका बड़ा साइज है।

इनके संघनन की प्रक्रिया में काबरेनेट मिनरल कैलसाइट का खास रोल रहा है। बाहर से ये बेहद ठोस हैं, लेकिन इनका भीतरी हिस्सा किसी कमजोर चीज से बना है। पत्थरों के बाहरी हिस्से पर बने क्रैक्स को सेपटारिआ कहा जाता है। सभी पत्थरों के बीच का हिस्सा खोखला है।

इन पर क्रैक कैसे बने, ये भी समझ नहीं आता है। इनकी उम्र के बारे में भी अनुमान है कि ये करीब 40 से 55 लाख साल पुराने हो सकते हैं। मोएराकी बोल्डर्स की कहानी कुछ भी हो लेकिन न्यूजीलैंड का ओटागो तट इनकी वजह से मशहूर पर्यटन स्थल बन गया है।
राज है गहरा
न्यूजीलैंड के एक तटीय इलाके में समुद्र के किनारे बिखरे ये विचित्र पत्थर किस तरह बने हैं, इस सवाल का जवाब वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। इतना ही नहीं इनकी सही उम्र का भी सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सका है। इनका बड़ा साइज और बाहरी सतह पर बने क्रैक्स का कारण भी आज तक रहस्य बना हुआ है।

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