शनिवार, 4 जून 2011

भगाया , अपनाया फिर आत्महत्या के लिए उकसाया


राजस्थान हाईकोर्ट ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी

 

भगाया , अपनाया फिर आत्महत्या के लिए उकसाया


जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी की शनिवार को जमानत खारिज कर दी। यह आदेश अवकाश कालीन न्यायाधीश कैलाश चन्द्र जोशी ने प्रार्थी आरोपी सरदारशहर निवासी विकास सोनी की जमानत अर्जी की सुनवाई में दिए। जानकारी के अनुसार आरोपी पहले लड़की को भगाकर ले गया और उसके घर लौट जाने पर उसे डराता -धमकाता था। जिससे तंग आकर युवती ने आत्महत्या कर ली थी।

मामले के अनुसार शिकायत कर्ता माणक चंद ने 7 दिसंबर 2010 को थाना सरदारशहर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पुत्री ने आत्महत्या कर ली है, इस पर जमा तलाशी के बाद लड़की के हाथ से लिखा हुआ सुसाइड नोट मिला जिसमें विकास सोनी द्वारा डराए धमकाए जाने के कारण आत्महत्या करना लिखा था। बाद में पुलिस अनुसंधान में सामने आया कि पहले आरोपी लड़की को भगा कर ले गया व कथित रूप से उसके साथ विवाह कर लिया।


बाद में युवती के परिजन उसे वापस अपने घर ले गए। इसके बाद विकास लगातार लड़की के घर वालों व लड़की को डराता धमकाता रहा। आरोपी के अधिवक्ता ने अदालत में सुसाइड नोट को फर्जी बताया जबकि राजकीय अधिवक्ता महीपाल विश्नोई ने यह कहते हुए आरोपी की जमानत का विरोध किया कि सुसाइड नोट की एफ एसएल जांच होनी बाकी है।

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