शनिवार, 25 जून 2011

कीमतें बढ़ाने पर देशभर में प्रदर्शन




कीमतें बढ़ाने पर देशभर में प्रदर्शन
 

नई दिल्ली। डीजल, केरोसीन और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने के बाद केन्द्र सरकार को विपक्ष के साथ-साथ अपने ही सहयोगी दलों से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के फैसले के विरोध में दिल्ली और विभिन्न राज्यों की राजधानियों से विरोध प्रदर्शन की खबरें मिल रही है।

सूत्रों के मुताबिक मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने दाम बढ़ाए जाने के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है। राजधानी नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में लोग विरोध के लिए पहुंचे है।

पश्चिम बंगाल में रसोई गैस सस्ती
देश भर में डीजल और गैस की बढ़ी कीमतों पर हो रहे विरोध के बीच पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैस पर चार फीसदी सैस कम कर दिया है। इससे वहां गैस 16 रूपए सस्ती हो गई है।

लखनउ, वाराणसी में भी प्रदर्शन

कीमतें बढ़ाए जाने के विरोध में लखनऊ में भी प्रदर्शन की खबरें है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ईधन के दाम बढ़ाए जाने के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। उधर वाराणसी में भी इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। भाजपा ने

सूत्रों के मुताबिक भाजपा और वाम दलों ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईडीएमके ने भी सरकार से तुरंत बढ़ी हुए कीमतें वापस लेने को कहा है।

यूपीए घटक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने रसोई गैस, केरोसीन और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि डीजल और रसोई गैस की कीमतें पहले बहुत ज्यादा है। पेट्रोल के दाम सरकार ने कुछ दिन पहले ही बढ़ाए है।

उधर भाजपा ने भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे सरकार का अमानवीय कदम बताया। भाजपा प्रवक्त निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे देश के विकास पर असर होगा। भाजपा ने कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ देश व्यापी विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है।

भाजपा ने कहा कि सरकार तेल माफिया के फायदे के लिए ऎसे कदम उठा रही है। उसे देश के आम आदमी से कोई मतलब नहीं है। उधर, वाम दलों ने डीजल और एलपीजी दाम में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा है कि पार्टी इसके खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन करेगी।
सरकार ने डीजल की कीमत में तीन रूपए प्रति लीटर, रसोई गैस की कीमत में 50 रूपए प्रति सिलिंडर और केरोसिन में दो रूपए प्रति लीटर वृद्धि करने का फैसला लिया। बढी हुई दरें शुक्रवार मध्यरात्रि से लागू हो गई।


गौरतलब है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद ही तेल कंपनियों ने 14 मई को पेट्रोल के दाम पांच रूपए प्रति लीटर तक बढ़ा दिए थे। लेकिन डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ाने के फैसला टाल दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि तेल कंपनियों को डीजल पर प्रति लीटर 13.72 रूपए, केरोसिन पर प्रति लीटर 26.16 रूपए और रसोई गैस प्रति सिलिंडर पर 381.14 रूपए का घाटा हो रहा है। सरकार की तरफ इस वृद्धि की घोषणा तब की गई है जबकि एक दिन पहले 11 जून को समाप्त सप्ताह की खाद्य महंगाई दर बढ़कर 10 सप्ताह के उच्च स्तर 9.13 फीसदी पर पहुंच गई।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें