गुरुवार, 16 जून 2011

पदोन्नति में आरक्षण का मामला गरमाया, कर्मचारी सरकार से भिड़े


जयपुर। सरकारी नौकरी में पदोन्नति को लेकर प्रदेश सरकार और आरक्षण से वंचित कर्मचारियों में मामला और पेचीदा हो गया। शुक्रवार को मिशन 72 की तरफ से पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने के लिए की जाने वाली रैली को रोकने के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं। सरकार ने देर रात रैली स्थल से टैंट और सारा सामान उठवा दिया है और रैली की तैयारी कर रहे लोगों को वहां इक_ा नहीं होने दे रहे हैं।
गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस मसले पर कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक हुई। जिसके बाद गृहमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार प्रदेश में किसी तरह की क्लास वार नहीं चाहती और इसे रोकने के लिए किसी तरह की रैली की इजाजत नहीं देगी।

मिशन 72 की ओर से जयपुर में शुक्रवार को एक रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस फैसले के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण नहीं होना चाहिए। इसे लेकर दो तीन दिन से राज्य का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। इससे पहले बुधवार को सरकार ने मिशन-72 की रैली को अनुमति देने से इनकार कर दिया था। रैली में भाग लेने के लिए कर्मचारी को छुट्टी देने से मना कर दिया था। इस दिन दफ्तरों से अनुपस्थित अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ काम नहीं तो वेतन नहीं और सर्विस ब्रेक करने पर भी विचार किया जा रहा है।
रैली की इजाजत नहीं
बैठक के बाद मंत्री अब सरकार की किरकिरी होने से बचाने के लिए लीपापोती में लगे हैं। वे बार बार वर्गहित के नाम पर आरक्षण प्राप्त करने वाले और आरक्षण नहीं प्राप्त करने वाले दोनों ही वर्गों के बीच वर्गभेद न आए। धारीवाल ने कहा कि दोनों ही पक्षों में से किसी को भी धरना, प्रदर्शन या रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार काम करेगी।
हर बात का ठीकरा भाजपा के सिर
धारीवाल ने पदोन्नति में आरक्षण के मामले को अटकाए रखने के लिए पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने 18 माह तक मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया और अंत में 2006 में नोटिफिकेशन जारी कर दिया। इसे लेकर कर्मचारी बाद में कोर्ट में चले गए और मामला उलझता चला गया। उन्होंने कहा कि अब सरकार मामले को सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है और इसके लिए भटनागर समिति का गठन भी किया गया है।

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