रविवार, 19 जून 2011

सात साल के अवतार ने बताई, 'अपने मर्डर' की मिस्ट्री

avtar.jpg


फिरोजपुर।। पुनर्जन्म को लेकर बहस बहुत पुरानी है और विज्ञान के तर्कों से इसे हर बार खारिज भी कर दिया जाता है। लेकिन राजस्थान के हनुमानगढ़ में रहने वाला सात साल का मासूम अवतार विज्ञान को चुनौती दे रहा है। अवतार ने दावा किया है कि वह पिछले जन्म में सुभाष था और पंजाब के फिरोजपुर के अबोहर में रहता था। उसका यह भी कहना है कि वह अपने कातिलों को जानता है। सुभाष की मौत 15 अगस्त 2004 को ट्रेन से कटने से हो गई थी।

पुनर्जन्म की यह दास्तां राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के लीलावाली गांव में हुई है, जहां के निवासी चरण सिंह के बेटे अवतार सिंह की बातें सुनने और उसे देखने आने वालों का तांता लगा हुआ है। सुभाष के इस ‘ अवतार ’ से जहां दो परिवारों में एक अजब रिश्ता बन गया है, वहीं उसके खुलासे से सुभाष के कत्ल की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस फिर से माथापच्ची करने वाली है।

तीन सालों से अवतार बार-बार कह रहा था कि उसे अबोहर लेकर चलो। वहां उसके मां-बाप, पत्नी और पूरा परिवार रहता है। पिता चरण सिंह ने शुरू में अवतार की इन बातों पर गौर नहीं किया। लेकिन जब वह बीमार पड़ गया और ठीक नहीं हो रहा था तो चरण सिंह बीते दिनों अबोहर पहुंचे। वहां पर अवतार के बताए बातों पुष्टि होने लगी, तो चरण सिंह और उसका परिवार हक्का-बक्का रह गया।

अबोहर में पता चला कि लगभग सात साल पहले सुभाष की रेलगाड़ी से कट जाने के कारण मृत्यु हो गई थी। सुभाष के पिता फकीरचंद और पत्नी भागवंती को जब पता चला कि लीलावाली में पैदा हुआ अवतार उनके बारे में सब कुछ जानता है तो उनसे एक क्षण भी नहीं रुका गया। फकीरचंद अपने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों को लेकर गांव लीलावाली गए तो अवतार ने सबको पहचान लिया। इससे वहां मौजूद लोग हैरान हो गए। फकीरचंद और चरणसिंह के परिवारों में सहमति बनी है कि अवतार दोनों के घरों में रहेगा।

फकीरचंद और उनके परिवार के लोग सुभाष का अवतार के रूप में पुनर्जन्म की पूरी तसल्ली कर ली है। वे अब विधि-विशेषज्ञों से सलाह-मशवरा कर रहे हैं कि अगर अवतार को सुभाष की हत्या के मामले अदालत में पेश किया जाता है तो इसका केस पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें