शनिवार, 25 जून 2011

सौर ऊर्जा कंपनियों को जमीन आबंटन पर विरोध




सौर ऊर्जा कंपनियों को जमीन आबंटन पर विरोध

आसकंद्रा ग्राम के पास आबंटित की गई 3 हजार बीघा जमीन को रद्द करने की मांग

जैसलमेर आसकंद्रा ग्राम के ग्रामीणों एवं किसानों ने जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी के नेतृत्व में सौर ऊर्जा कंपनियों का भू आबंटन रद्द करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि गांव के पास सिंचाई के लिए पोकरण लिफ्ट के आसपास की कृषि योग्य भूमि सोर ऊर्जा कंपनियों को आबंटित कर दी गई है। जबकि इस भूमि को भूमिहीन कृषकों को आबंटित करने के लिए प्रस्तावित की गई थी एवं इसके लिए कृषकों से आवेदन भी मांगे गए थे। ज्ञापन में बताया कि गांव की कुल 3 हजार 450 बीघा भी कंपनियों को आबंटित की गई है। इस भूमि को सिंचित करने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर पोकरण लिफ्ट केनाल बना रखी है जिसका उपयोग इस भूमि के आबंटन के बाद किया जाना था। यह भूमि कंपनियों को आबंटित करने से किसानों के साथ तो अन्याय हो रहा है साथ ही करोड़ों रुपए की नहर बनाने का उद्देश्य भी खत्म हो जाता है। ज्ञापन में बताया कि यह भूमि वर्षों से देवी की ओरण के रूप में सुरक्षित है इसपर ग्रामीणों द्वारा वृक्ष लगा रखे है। सोर ऊर्जा के लिए ऐसी भूमि आबंटित की जा सकती है जो कृषि योग्य न हो तथा मगरा या पहाड़ी क्षेत्र हो। उन्होंने मांग की है कि जमीन का आबंटन रद्द किया जाए।

ज्ञापन में भाजपा नेता जुगलकिशोर व्यास, आसकंद्रा सरपंच फूलीकंवर, भंवरसिंह, शैतानसिंह, गोपालसिंह, विजयसिंह, हाथीसिंह, भीखाराम, भैरूसिंह, अनोपसिंह, ताराराम, लखाराम सहित अन्य ग्रामीणों के हस्ताक्षर है।

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