शुक्रवार, 3 जून 2011

रोहिड़ाला धाम पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, संतों का किया स्वागत


प्रदूषण बना रहा है रोगी : वाजेश्वरी

रोहिड़ाला धाम पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, संतों का किया स्वागत


 बाड़मेर रोहिड़ाला हरसाणी स्थित एकांत वन माल्हण शक्ति मंदिर में चल रहे गायत्री महापुरश्चरण यज्ञ के 16वें दिन गुरुवार को भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

गुरुवार सुबह शंखनाद के बाद आरती का आयोजन किया गया। इसके बाद आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए संत वाजेश्वरी माता ने कहा कि प्रकृति का हमेशा ध्यान रखें। दिनोंदिन बढ़ रहे प्रदूषण से हमें प्राकृतिक संतुलन गड़बड़ा रहा है। इसका दुष्परिणाम बीमारियों के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकने के लिए जांभोजी के जीवन से प्रेरणा लें। संत चेतन नाथ महाराज ने कहा कि संपूर्ण प्राणी अन्न से उत्पन्न होते हैं। यज्ञाचार्य पंडित भूरालाल पालीवाल ने भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने पर जोर दिया। इस मौके पर संत धन भारती, चंद्रभान नाथ, भूपत नाथ ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में महेंद्र व्यास व नंदकिशोर शर्मा सहित श्रद्धालु उपस्थित थे।

बही भक्तिरस सरिता

बुधवार रात रोहिड़ाला धाम पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें कैलाश दइया हरसाणी तथा भगवान सिंह देदडिय़ार ने भजनों की प्रस्तुति देकर श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर कलाकारों ने चारणों के छंद, कबीर वाणी तथा हास्यपूर्ण भजनों की प्रस्तुति दी।

संतों का स्वागत : रोहिड़ाला धाम पर गुरुवार को महंत सोमगिरी महाराज, नारायण गिरी, महंत गोरखनाथ, महामंडलेश्वर निर्मलदास, महंत शिवसुखनाथ, वीरमपुरी, मगन पुरी, डूंगर गिरी व दीपक दास महाराज का आगमन हुआ।

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