मंगलवार, 21 जून 2011

अनपढ़ बच्चों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर बाड़मेर






बाड़मेर प्रदेश में सबसे अधिक अनपढ़ बच्चे जोधपुर जिले में हैं। जिले में ड्रॉपआउट और अनामांकित बच्चों की संख्या 80 हजार 66 के आंकड़े को छू गई है। अनपढ़ बच्चों की संख्या के मामले में दूसरे नंबर पर बाड़मेर है। वहां 80 हजार बच्चे अनामांकित और ड्रॉपआउट हैं। ये वे बच्चे हैं जो कभी स्कूल गए ही नहीं और गए भी तो बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी। इस बात का खुलासा चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (सीटीएस) सर्वे रिपोर्ट में हुआ है।

गत वर्ष जुलाई से अगस्त माह के दौरान सीटीएस सर्वे हुआ था। इसमें पूरे राजस्थान में 12.10 लाख बच्चे ड्रॉपआउट व अनामांकित पाए गए। इनमें सर्वाधिक बच्चे जोधपुर जिले में हैं। सर्वे में जोधपुर का ओसियां ब्लॉक 15 हजार 732 अनामांकित और ड्रॉपआउट बच्चों के साथ पहले पायदान पर रहा। फलौदी (11 हजार 108) दूसरे, बाप (9 हजार 861) तीसरे, बिलाड़ा (8 हजार 490) चौथे, जोधपुर शहर (7 हजार 653) पांचवें, बालेसर (7 हजार 428) छठे, शेरगढ़ (6 हजार 662) सातवें, भोपालगढ़ (5 हजार 096) आठवें, लूणी (4 हजार 385) नौवें तथा मंडोर ब्लॉक (3 हजार 051) दसवें स्थान पर रहा।

एक शिक्षक दो बच्चों को दिलाएगा एडमिशन
अब एक शिक्षक को न्यूनतम दो बच्चों को स्कूल में एडमिशन दिलाना होगा। इसके साथ ही उस बच्चे के ठहराव, प्रशिक्षण की जिम्मेदारी भी उसी शिक्षक की होगी, जिसने उस बच्चे को प्रवेश दिलाया है। इसका रिकॉर्ड नोडल हैडमास्टर द्वारा रखा जाएगा।

संकल्प पत्र भरे जाएंगे
अनामांकित और ड्रॉपआउट बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए शिक्षक अभिभावकों से संकल्प पत्र भरवाएंगे। यह कार्य 1 से 31 जुलाई के मध्य होगा।

सूची चस्पां होगी
अब प्रत्येक ग्राम पंचायत या वार्ड में शिक्षा से वंचित बच्चों की सूची चुनिंदा स्थानों पर चस्पां की जाएगी, ताकि गांव के प्रबुद्धजन मिलकर शिक्षा से वंचित बच्चे को स्कूल में एडमिशन दिला सकें।

ग्राम सभा में फिल्म दिखाई जाएगी
शिक्षा से वंचित बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा ली जाने वाली विशेष ग्राम सभाओं में एलसीडी प्रोजेक्टर से डॉक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई जाएगी। इस पर होने वाला खर्च मैनेजमेंट कॉस्ट से वहन किया जाएगा।

माध्यमिक स्तर के शिक्षकों को भी जोड़ेंगे अभियान से
राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के साथ शिक्षा विभाग माध्यमिक स्तर की ऐसी स्कूलों के शिक्षकों को भी दो अनामांकित या ड्रॉपआउट बच्चों को प्रवेश दिलाने के अभियान में शामिल किया जाएगा जहां छठी से आठवीं कक्षा चलती है।

स्कूल और शिक्षक सम्मानित होंगे
प्रदेश में 200 ग्राम पंचायतों में नामांकन में इजाफा हुआ है। इन ग्राम पंचायतों में 80 से 100 प्रतिशत नामांकन बढ़ाने वाली स्कूलों को ग्राम पंचायत की सिफारिश पर राज्य सरकार द्वारा 10 लाख रुपए और प्रत्येक ब्लॉक में एक शिक्षक को 2100 रुपए नकद दिए जाएंगे।

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