रविवार, 19 जून 2011

वीररस की कविताओं पर खूब बजी तालियां, सुबह चार बजे तक जमे रहे श्रोता



























































हास्य और व्यंग्य की कटार

हाई स्कूल मैदान में कवि सम्मेलन का आयोजन

 वीररस की कविताओं पर खूब बजी तालियां, सुबह चार बजे  तक जमे रहे श्रोता

बाड़मेर लॉयंस क्लब एवं वगतावरमल राणा मल लूणिया के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार रात आठ बजे हाई स्कूल मैदान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रातः चार बजे तक चले कवि सम्मेलन का आगाज मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी व अन्य अतिथियों की ओर से दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इसके बाद हास्य कवि पार्थ नवीन से हास्यरस से ओतप्रोत कविताएं सुनाकर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया। उन्होंने कमीने है कमीनों को विषयक कविता सुनाकर राजनीति में भ्रष्टाचार पर कटाक्ष किया। दहेज प्रथा तथा महंगाई को इंगित करते हुए उन्होंने मिटे दर्द से तो हुए कविता सुनाते हुए समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने की अपील की। इसके बाद वीररस के कवि अशोक चारण ने मंच से देश में फैले भ्रष्टाचार, साधु-संतों पर हो रही कार्रवाई तथा किसानों की पीड़ा बयां करते हुए पांडाल को रोमांचित कर दिया। उन्होंने राजनेताओं की कार्यशैली पर प्रश्न उठाते हुए शांति व अहिंसा की थीम पर, सेवा करने की कहकर जो मेवा खाने निकले है, राजनीति बुरी है यह दोष हमारा है व लोकतंत्र के हत्यारों का नाम मिटा दो दिल्ली से कविता सुनाकर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।  कवि सम्मेलन में वीररस के कवि अशोक चारण ने निठारी कांड पर ये गौतम, गांधी और महावीर की धरती है व्यंग्यात्मक कविता सुनाते हुए वर्तमान में क्षीण हो रहे मानवीय मूल्यों का मार्मिक चित्रण किया। इसके बाद उन्होंने फूल सारे अग्निवेश में बैठे हुए हैं कविता सुनाते हुए देश के गद्दारों पर कटाक्ष किया। नींद पूरी लिए बिना जो फसल उगाते है, वे अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर पड़े हंै, अधिग्रहण कर किस्मत बना रहे हैं धनवानों की तथा मैं किसान का बेटा हूं कविता सुनाकर वर्तमान में किसानों के हालात तथा आत्महत्या करने की घटनाओं का मार्मिक वर्णन किया। व्यंग्यकार गोविंद राठी ने राजनेताओं की छवि तथा क्षीण होते संस्कारों पर आलोचनात्मक प्रस्तुति दी। उन्होंने फिल्मों में मुन्नी बदनाम शब्द पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने ऐसी फिल्मों को संकीर्ण मानसिकता तथा पैसे बटोरने का जरिया बताया। इसके बाद कवयित्री प्रेरणा ठाकरे ने मातृ शक्ति व राम मंदिर जैसे मुद्दों के निराकरण को अपनी कविताओं से श्रोताओं में चेतना संचार किया। वेदव्रत वाजपेयी, डॉ. मंजू दीक्षित, जानी बैरागी, अशोक भाटी, अतुल ज्वाला व रविंद्र जॉनी ने हास्य व व्यंग्य की प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा। मंच का संचालन करते हुए बुद्धिप्रकाश दाधीच ने भी बीच-बीच में चुटकुलों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को लोटपोट किया। इस मौके जिला प्रमुख मदन कौर व लॉयंस क्लब के पदाधिकारियों सहित जनप्रतिनिधि व सैकड़ों महिला-पुरुष मौजूद थे।

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