सोमवार, 13 जून 2011

अनशन के दौरान कोमा में गए साधु की मौत

अनशन के दौरान कोमा में गए हरिद्वार स्थित मातृ सदन आश्रमके साधु निगमानंद की सोमवार को जालीग्रांट स्थित हिमालयनअस्पताल मंे मौत हो गई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 36वर्षीय निगमानंद गंगा में खनन को बंद करने और हिमालयनस्टोन क्रेशर को कुंभ क्षेत्र से हटाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने इससाल 19 फरवरी को अनशन शुरू किया था और 2 मई को कोमामें चले गए थे , तभी से वह कोमा में ही थे।

हरिद्वार के डीएम आर . मीनाक्षीसुंदरम ने बताया कि निगमानंदकी मौत हिमालयन अस्पताल में हो गई। उन्होंने कहा किनिगमानंद के शव का पोस्टमॉर्टम कराया जायेगा , क्योंकि उनके कुछ समर्थकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें जहर दियागया था। मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद ने हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ . पी . के . भटनागर औरक्रेशर के मालिक ज्ञानेश कुमार के खिलाफ कोतवाली थाने में 11 मई को शिकायत दर्ज कराई थी कि 30 अप्रैल को इलाजके दौरान निगमानंद को जहर दे दिया गया था , जिसके चलते वह 2 मई को कोमा में चले गए थे। , स्वामी शिवानंद नेपुलिस में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि निगमानंद को 30 अप्रैल को एक इंजेक्शन लगाया गया था और वह 2 मईको कोमा में चले गए थे। उनका आरोप है कि उन्हें इंजेक्शन में ' आर्गेनो फास्फेट ' दिया गया जिसके चलते ही वह कोमा मेंगए थे। इस बीच कांग्रेस विधायक किशोर उपाध्याय ने निगमानंद की मौत के लिए उत्तराखंड सरकार को कसूरवारबताया है। उन्होंने कहा कि निगमानंद की मौत ने उत्तराखंड सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहाकि बाबा रामदेव के अनशन को तुड़वाने के लिए मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने हर संभव कोशिश की , लेकिनउसी अस्पताल में भर्ती निगमानंद को देखने तक नहीं गए। 

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