शनिवार, 18 जून 2011

पीएम 'रिमोट' से चलते हैं, मैं नहीं: अन्ना


नई दिल्ली।। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आशा की किरण थे, लेकिन बीच में जाने क्या गड़बड़ हो गया। पीएम मनमोनह सिंह के बारे में उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से सहमत हूं कि वह ईमानदार प्रधानमंत्री हैं, लेकिन वह क्या कर सकते हैं? वह रिमोट कंट्रोल से चलते हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि पीएम का 'रिमोट' किसके हाथ में है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं आरएसएस के रिमोट से काम नहीं करता।

हज़ारे ने कहा, 'शुरू में सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री से बहुत उम्मीदें थीं। वे दोनों आशा की किरण थे, पर बीच में क्या गड़बड़ हुआ, पता नहीं। सरकार पलट गई।'

सिंह के बारे में उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से सहमत हूं कि वह ईमानदार प्रधानमंत्री हैं। लेकिन वह क्या कर सकते हैं? वह रिमोट कंट्रोल से चलते हैं। यह ऐसा है जैसे कोई उनसे कहता हो कि चुप बैठो, नहीं तो कान कटेगा।'

यह पूछे जाने पर कि योग गुरु रामदेव के आंदोलन पर हुई पुलिस कार्रवाई की तरह अगर उनके आंदोलन के खिलाफ भी ऐक्शन हुआ तो वह क्या करेंगे? उन्होंने कहा, 'तो ठीक है मारो। मार खाते रहेंगे, देश की भलाई के लिए।'

हजारे ने इंडिया टीवी के 'आप की अदालत' कार्यक्रम में सवालों के जवाब में कहा, 'लेकिन मैं आप को यह बता दूं कि यह जनशक्ति है, जो अपने अधिकार मांग रही है। सरकार को इसे स्वीकार करना होगा।'

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रिमोट से संचालित होने के आरोपों को उन्होंने 'बकवास' बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी किसी राजनीतिक दल के लिए काम नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'मैं किसी दल में देश का भविष्य नहीं देखता हूं। उच्च पदों पर बैठे ये लोग झूठ फैला रहे हैं।'

इस सवाल पर कि अगर लोकपाल भी विवादास्पद निकला तो क्या करेंगे, उन्होंने कहा, 'अगर लोकपाल ने गड़बड़ किया, तो पांच लोगों की हाई पावर कमिटी उसको निकाल देगी।' हज़ारे ने कहा कि लोकपाल विधेयक पारित नहीं होने पर वह 16 अगस्त से जंतर-मंतर पर फिर से अनशन करेंगे और अगर सरकार उन्हें ऐसा करने से रोकेगी तो वह जेल जाएंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें