शनिवार, 18 जून 2011

सरिस्का अभयारण्य में बाघ का शिकारः शिकारियों को सजा




अलवर. सरिस्का अभयारण्य में बाघ शिकार के मामले में शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-1 हिमांकनी गौड़ ने पांच शिकारियों को सात-सात साल के कारावास से दंडित किया है। अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर 1 लाख 30 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।

प्रकरण के अनुसार 31 जुलाई 2006 को तत्कालीन क्षेत्रीय वन अधिकारी अकबरपुर रेंज चंदर राम मीणा ने न्यायालय में परिवाद पेश कर शिकायत दी कि 6 दिसम्बर 2005 को वन विभाग ने मालाखेड़ा के खारेड़ा का बास के जुहरू मेव को पूछताछ के प्रोटेक्शन वारंट में गिरफ्तार किया था।

जुहरू वन्यजीव अधिनियम के एक मामले में जेल में बंद था। पूछताछ में जुहरू मेव ने बताया कि करीब डेढ़ से दो साल पहले उसने पांच अन्य शिकारियों के साथ मिलकर एक बाघ का शिकार किया था। यह शिकार सरिस्का के कोर एरिया में आघेरा जंगल के नारंडी पांज स्थान पर किया गया था।

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