गुरुवार, 9 जून 2011

बाड़मेर बाड़मेर के धार्मिक स्थलों का पर्यटन सर्किट बनेगा


बाडमेर में पर्यटन अधिकारी का पद सृजित होगा
बाड़मेर के धार्मिक स्थलों
का पर्यटन सर्किट बनेगा
बाड़मेर, 9 जून। जिले के धार्मिक स्थलों का पर्यटन सर्किट के रूप में विकास कर इन्हे मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जाएगा ताकि जिले में पर्यटन को बढावा दिया जा सके। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने गुरूवार को जिला पर्यटन समिति की बैठक में इस आशय के निर्देश दिए।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर ने कहा कि बालोतरा क्षेत्र के ब्रह्मा मंदिर आसोतरा, नाकोड़ा जैन तीर्थ, रणछोड़राय खेड़ तीर्थ तथा राणीभटियाणी मंदिर जसोल को एक धार्मिक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जाए तथा यहां यातायात की सुविधाए उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने बाड़मेर तथा बालोतरा से इस सर्किट का भ्रमण कराने वाली बसें भी आरंभ करने के निर्देश दिए।
पर्यटन अधिकारी
जिला कलेक्टर ने बाडमेर में पर्यटन की संभावना तलाशने तथा यहां पर्यटन का विकास करने एवं पर्यटन के लिए मूलभूत सुविधाओं हेतु पर्यटन अधिकारी का पद सृजित करने के लिए राज्य सरकार से सिफारिश करने के लिए कहा। उन्होने निर्देश दिए कि बाडमेर में पर्यटन अधिकारी का पद सृजित कर इस पर शीध्र ही नियुक्ति करवाई जाए।
थार महोत्सव
गोयल ने बाडमेर में प्रतिवर्ष होने वाले थार महोत्सव के व्यापक प्रचार प्रसार तथा इससे पर्यटकों को जोडने के लिए इस वर्ष सम्पन्न थार महोत्सव के आकर्षक कार्यक्रमों, फोटोग्राफ्स तथा वीडियो रिकार्डिग को बाडमेर जिले की अधिकृत वेबसाईट पर डालने के निर्देश दिए। उन्होने बाडमेर के प्रमुख पर्यटन स्थलों के विशाल होर्डिग बनाकर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य मुख्य मार्गो पर लगाने के निर्देश दिए ताकि पर्यटक उनके प्रति आकर्षित हो सकें।
टूरिस्ट पैकेज
जिला कलेक्टर ने बाड़मेर में तीन-चार पर्यटन स्थलों का विकास करने की योजना बनाने को कहा ताकि पर्यटक यहां तीन-चार दिन का पैकेज बनाकर ठहराव कर सके। इसके लिए उन्होंने महाबार, शिल्पग्राम तथा किराडू के अलावा एक दो अन्य टूरिज्म साइटें विकसित करने को कहा। साथ ही बाड़मेर जिले के पर्यटन स्थलों के व्यापक प्रचार प्रसार के भी निर्देश दिए। गोयल ने बाड़मेर में पर्यटक स्वागत केन्द्र खोलने तथा पर्यटन अधिकारी की नियुक्ति तथा राजस्थान पर्यटन विकास निगम के होटल खड़ताल के भी आधुनिकिकरण के कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि पर्यटकों को यहां मूलभूत सुविधाए विकसित हो सके।
बैठक में उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक ओ.पी. गोस्वामी, जिला शिक्षा अधिकारी गोरधनलाल पंजाबी, जनसम्पर्क अधिकारी श्रवण चौधरी समेत संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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ऑनलाईन होंगे लोक कलाकार
बाडमेर की लोक कला एवं संस्कृति का
इन्टरनेट के जरिये होगा प्रचार प्रसार
बाडमेर, 9 जून। जिले की विश्व विख्यात लोक कला एवं संस्कृति का इन्टरनेट के जरिये प्रचार प्रसार किया जाएगा तथा लब्ध प्रतिष्ठित कलाकारों को भी ऑनलाईन किया जाएगा।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि सूचना क्रान्ति के वर्तमान दौर में कम्प्युटर तथा इन्टरनेट का महत्व बढ गया है, ऐसे में जिले की लोक कला एवं संस्कृति का व्यापक प्रचार प्रसार करने तथा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इन्टरनेट के जरिये इनका प्रचार प्रसार किया जाएगा। उन्होने बताया कि बाडमेर की लोक कलाओं तथा प्रमुख विद्याओं के बारे में संक्षिप्त नोट आकर्षक फोटोग्राफ्स के साथ जिला प्रशासन की अधिकृत वेबसाईट इंतउमतण्दपबण्पद पर डाला जाएगा, ताकि विश्वभर में इन्टरनेट के जरिये बाडमेर की परम्परागत कलाओं का प्रचार प्रसार हो सकें।
उन्होने बताया कि बाडमेर के लंगा तथा मागणियार गायकी, लूर नृत्य, कनाना, लाखेटा, सनावडा की विश्व प्रसिद्ध डांडिया गैर नृत्यों तथा अन्य प्रमुख लोक कलाओं तथा विद्याओं को आकर्षक फोटोग्राफ्स के साथ वेबसाईट पर डाला जाएगा। जिला कलेक्टर ने बताया कि इसके लिए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए है तथा शीध्र ही इन्हें वेबसाईट पर डाल दिया जाएगा।
ऑनलाईन होंगे लोक कलाकार
जिला कलेक्टर ने बताया कि इसी प्रकार जिले के प्रमुख लोक कलाकारों के परिचय, उनकी उपलब्धियों, उनकी कला विद्याओं की जानकारी भी इन्टरनेट के जरिये दी जाएगी। उन्होने बताया कि जिले के अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त लोक कलाकारो के फोटो, उनकी कला प्रदर्शनी के बारे में संक्षिप्त नोट बनाकर इसे वेबसाईट पर डाला जाएगा ताकि उनकी उपलब्धियों का विश्व स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा सकें।
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विभागों में उपस्थिति की जांच
अठारह कार्मिक अनुपस्थित
बाड़मेर, 9 जून। जिले में समय की पाबंदी हेतु चलाए जा रहे निरीक्षण अभियान के अन्तर्गत गुरूवार को आकस्मिक निरीक्षण के दौरान अठारह कार्मिक अनुपस्थित पाए गए।
जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने बताया कि गुरूवार को निरीक्षण दल संख्या 4 प्रभारी डूंगरदास खींची द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान आंगनवाडी केन्द्र सेगडी में कार्यकर्ता श्रीमती मनतो व सयोगिनी श्रीमती नोजी अनुपस्थित पाई गई। इसी प्रकार आंगनवाडी केन्द्र उतमा भील की ढाणी सांवलोर में कार्यकर्ता श्रीमती तुलसी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चौहटन में कनिष्ट लिपिक बलवन्तराय, राजूराम, व जीएनएम शंकरलाल, सहायक अभियन्ता जोधपुर विद्युत वितरण निगम चौहटन में कनिष्ट लिपिक ईश्वरसिंह, मीटर रीडर नोखराम, च.श्रे.कर्म. श्रीमती धनवन्ती, मीटर रीडर ओम प्रकाश व टेक्नीकल हेल्पर शुभ कुमार, विकास अधिकारी पंचायत समिति चौहटन में कनिष्ट लिपिक भीमराज सोनी व च.श्रे.कर्म. वीराराम राजपुरोहित तथा कार्यक्रम अधिकारी महानरेगा चौहटन में एईएन रामलाल जैन, कनिष्ट तकनीकी सहायक मोटाराम विश्नोई, सुरेश जांगिड, डाटा एन्ट्री आपरेटर जुगताराम व च.श्रे.कर्म. विरधाराम अनुपस्थित पाए गए।
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पर्यावरण समिति की बैठक 16 को
बाडमेर, 9 जून। जिले मे पर्यावरण संबंधी समस्याओं के निराकरण एवं प्रदूषण नियन्त्रण संबंधी आवश्यक उदृेश्यों की क्रियान्विति हेतु गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में 16 जून को प्रातः 11.00 बजे जिला कार्यालय में आयोजित की जाएगी।
उप वन संरक्षक बी.आर. भादू ने बताया कि उक्त बैठक में जिले की पर्यावरण संबंधी समस्याओं के निराकरण एवं प्रदूषण रोकने संबंधी आवश्यक कार्यवाही पर चर्चा के अलावा हरित राजस्थान कार्यक्रम वर्ष 2011 के अन्तर्गत वृक्षारोपण के लक्ष्य निर्धारित करने, पर्यावरण संबंधी कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकारी एवं स्वयं सेवी संस्ािाओं को उत्प्रेरित करने, लूनी नदी के प्रदूषण के संबंध मे गत बैठक में लिये गये निर्णणों की पालना तथा पोलीथीन थैलियों की रोकथाम बाबत विचार विमर्श किया जाएगा।
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प्रशिक्षणों में सीखी विद्याओं का
प्रयोग कक्षा कक्ष में हो- खत्री
बाडमेर, 9 जून। शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान सीखे गये ज्ञान, विद्याओं का प्रयोग कक्षा कक्ष में हो तभी इस प्रशिक्षण की सार्थकता है। ये उदगार अवर उप जिला शिक्षा अधिकारी अम्बालाल खत्री ने छः दिवसीय प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण शिविर राउप्रावि महावीर नगर में व्यक्त किए।
उन्होने कहा कि प्रशिक्षणार्थी अगर शिविर में विषय संबंधी नवीन विद्याओं को सीखे तथा अपने ज्ञान मे वृद्धि करे तथा उसका लाभ कक्षा कक्ष मे बच्चो को नहीं मिले तो यह समय, धन, ऊर्जा सबका अपव्यय है। इसलिए प्रशिक्षणों मे मन से जुडकर सम्पूर्ण लाभ उठावें।
शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी (प्रा.शि.) डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने अपने उद्बोधन मे कहा कि समय की गतिशीलता को समझे अन्यथा शिक्षक अपने महत्व को खो देगा। समय के साथ अपडेट रहे, नवीन जानकारियां हासिल करें। साथ ही उन्होने निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा विधेयक पर चर्चा कर शिक्षकों की शंकाओं का निवारण किया। नये शिक्षा सत्र में ज्यादा से ज्यादा बच्चे जो विद्यालयों से बाहर है, उन्हें विद्यालयों से जोडे। शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में सभी 46 संभागी उपस्थित पाए गए। व्यवस्थाएं व शिक्षण व्यवस्था सन्तोषजनक पाई गई। व्यवस्थापक चेतनसिंह चौधरी ने आभार प्रकट किया।
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