मंगलवार, 14 जून 2011

राजस्थान के सिपाहियों ने देखी शैतान फिल्म







बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के पुलिस कप्तान ने राजीव खंडेलवाल
द्वारा अभिनीत एवं अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित फिल्म शैतान को स्थानीय
सिनमा होल में देखा तो उस फिल्म की स्टोरी उन्हें इतनी अच्छी लगी की
उन्होंने राजस्थान पुलिस के  बाड़मेर में तेनात इस्पेक्टर से लेकर 200  


 कांस्टेबल को  इस फिल्म को देखे साथ ही उन्होंने इस फिल्म का एक शो भी पुलिस ने बुक करवा है   !


बाड़मेर पुलिस अधीक्षक संतोष चाल्के ने अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित 'शैतान' फिल्म का एक शो राजस्थान पुलिस के जवानो  के लिए बुक करवाया हैं ! इस फिल्म की कहानी मैं  हाई प्रोफाइल युवाओ  अपराधो की प्रवर्तीके बारे मैं बताया गया हैं कि  एक अपराध छुपाने के लिए किस तरह से अपराध
दर अपराध होते हैं और किस तरह इस कहानी मैं पुलिस के द्वारा अपनी
ज़िम्मेदारी और गैरजिम्मेदारी निभाई गई हैं ! एक तरफ इंवेस्टिगेसन की सफल
कहानी का दौर चलता हैं तो एक तरफ पुलिस के कारण पांच लोग मानसिक रूप से
परेशां होकर अपहरण हत्या जैसे संगीन अपराध करने को मजबूर हो जाते हैं !
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में तेनात  पन्नाराम प्रजापत के मुताबिक़ इस फिल्म ने
पुलिस को दिखाया हैं की उनकी असल ज़िम्मेदारी क्या हैं ! इसमें पुलिस का सकारत्मक और नकरत्मक पहलुओ को बताया गया है हम. पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर देखने आए है    

याकूब खान हेड कोन्स्टेबल के मुतबिक .इस फिल्म की खासियत यह रही की पुलिस के द्वारा जिस लिए खाकी वर्दी पहनीजाती हैं उसकी असली ज़िम्मेदारी कैसे चंद नोटों के पीछे भुला दी जाती हैं , फिल्म मैं इस तरह से कहानी बताई गई हैं की सभी पुलिसकर्मी यह सोचने को....मजबूर हो गए की केस को किस तरह से सोल   किया जाता हैं
जिला पुलिस अधीक्षक संतोष चालके  के अनुसार इस फिल्म नशे की लत के कारण
हाई प्रोफयल परिवारों के बच्चे अपने शौक के पीछे अपराध की दुनिया मैं
प्रवेश कर जाते हैं ..केसे पुलिस वालो के रिश्वत मागने का क्या अंजाम होता है और  कैसे पुलिस के द्वारा ऐसे मामलो मैं जांच की जाती
हैं ! चाल्के के अनुसार  इस्पेक्टर से लेकर जवानो ने इस फिल्म को देखने  के बाद जवानो कि प्रतिकिरिया है कि अब पुलिस को भी समय के साथ हाई टेक होना चाहिए   पुलिस कर्मियों कोई काफी कुछ शिखने का
काम करेगीइस फिल्म को देखने के बाद पुलिस कर्मियों को भी काफी संजीदा होना पड़ा
साथ ही रिश्वत खोरी जैसे मामलो में पुलिस की भूमिका पर भी सावाल खड़े हुए 
! जिला पुलिस अधीक्षक के द्वारा आसपास के थानों के महिला कर्मियों को भी
फिल्म देखने के लिए बुलवाया गया ! इंस्पेक्टर से लगा कर कोंसेटबल सभी इस
फिल्म को देखने को पहुंचे 

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