शुक्रवार, 10 जून 2011

राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन




मायड़ भाषा को मिले मान्यता
राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन 

बाड़मेर राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति की ओर से गुरुवार को राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा में राजस्थानी भाषा को शामिल करने के लिए राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर गौरव गोयल ने आश्वासन दिया कि जनभावना को राष्ट्रपति तक पहुंचाया जाएगा।
जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ने बताया कि ज्ञापन में लिखा है कि राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए राजस्थानी लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। विजय कुमार ने बताया कि राजस्थान के लोगों की भावनाओं के अनुरूप राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल कराएं। शेरसिंह भुरटिया ने बताया राजस्थानी को मान्यता मिलने पर इसका फायदा युवाओं को मिलेगा। राजस्थानी भाषा को उपेक्षित किया गया तो मबूरन राजस्थानी धरने पर बैठेंगे। संयोजक चंदन सिंह भाटी ने बताया कि राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने का विधेयक गत आठ सालों से संसद में लंबित है। वहीं राजस्थान सरकार ने इस साल से शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन कराया जा रहा है। इसमें राजस्थानी भाषा को शामिल नहीं किया गया। ज्ञापन सौंपने वालों में मोटियार परिषद के जिला अध्यक्ष विजय कुमार, दुर्जन सिंह, शिक्षक नेता शेर सिंह भुरटिया, असरफ अली मौजूद थे।

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