मंगलवार, 14 जून 2011

बाल श्रमिको के स्टाईफण्ड के 50 लाख की राषी के गबन की आशंका


















बाल श्रमिको के स्टाईफण्ड के 50 लाख की राषी के गबन की आशंका

बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिले में बाल श्रमिक परियोजा तथा स्वयं सेवी संस्थाओं द्धारा बाल श्रमिक छात्र छात्राओं के पचास लाख से अधिक की राशी हउपने का मामला प्रकाश में आया हैं।ये राशी बाल श्रमिक विद्यालयों में अध्धयनरत छात्र छात्राओं क नाम स्टाईफण्ड कें रूप् में पोस्ट आफिस बालोतरा में जमा कराई गई थी।मगर स्टाईफण्उ की राशी परियोजना अधिकारी तथा स्वयं सेवी संस्थाओं नें मिल कर फर्जी तरीके से उठा ली।बाल श्रमिक छात्रो तथा उनके अभिभावकों को कानों कान क्षबर तक नही हई। 
विभागीय सूत्रानुसार बाल श्रमिक परियोजना संस्थान बालोतरा द्धारा जिले में बाल श्रमिकों के लिऐ 42 बाल श्रमिक विद्यालयों का संचालन स्वय सेवी संस्थाओं के माध्यम से किया गया था।विभागीय नियमानुसार प्रति माह विद्याालय में अध्ययनरत बाल श्रमिक छात्र को 100 रूप्ये प्रति माह स्टाईफण्ड देने का प्रावधान था।जिसके चलते विभाग तथा संस्थाओं द्धारा 2150 बाल श्रमिकों के खाते पोस्ट आफिस में खुलवाऐ गयें।इन खातों में दो साल कें लगभग एकयावन लाख रूप्ये छात्रों के खातों में जमा हुऐ।
इस साल ये खाते पूर्ण होने से पूर्व ही विभाग के अधिकारी और परियोजना में कार्यरत कर्मचारी भटटराज तथा जगदीश बोहरा द्धारा संस्थाओं से मिली भ्गत कर छात्रों के अभिभवको की जानकारी के बिना फर्जी हस्ताक्षर कर लाखों रूप्यों का ुर्जी भुगतान उठा कर गबन कर लिया।विभाग के कर्मचारियों के रिश्तेदार कमीशन ऐजेट हैं जिनके माध्यम से खाते खोले गऐ थे।इन एजेण्टों से मिलीभगत से संस्थाओं तथा विभागीय अधिकारी तथा भ्रष्ट कर्मचारियों नें मिलबांट कर पचास लाख रूप्यों में से अधिकांश पोस्ट आफिस से निकाल कर खा गऐ।जबकि इन पैसों पर बाल श्रमिक छात्रों का अधिकार था।मगर ये पैसा छात्रों के पास आज तक नही पहुॅचा।
इस आशय का ज्ञापन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 
को श्री कुष्णा संस्था द्धारा देकर मांग की गई हैं कि  उक्त पूरे प्रकरण की प्रशासनिक अधिकारी से पहले सारा रिकार्ड विभाग तथा पोस्ट आफिस  का रिर्काड जब्त कर जॉच कराई जाऐ।बाल श्रमिक छात्रों का अधिकारों का हनन करने वाले दोषी लोगों ,विभागीय कर्मचारीयो,संस्था संचालकों तथा पोस्ट आफिस के लोगो के खिलाफ सक्ष्त कार्यवाीर कर जिला प्रशासन द्धारा रिसिवर नियुक्त कर बाल श्रमिकों की पहचान करा कर उन्हे सीघा भुगतान कराया जाऐ।बाल श्रमिक छात्रों केा उनका भुगतान कराया जाऐं तथा मामले की पूरी निष्पक्ष जॉच कराइ्र जाऐ।





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