शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

राजस्थानी भाषा रो हे मान घणों, देद्गा विदेद्गां में सम्मान घणों, मायड दे दो मानता



बाड़मेर[चन्दनसिंह भाटी] राजस्थान की लोक संस्कृति के पहरूए मंगणियार लोक कलाकार आज कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेद्गानल एण्ड सोद्गिायल डवलपमेंन्ट सोसायटी, गु्रप फोर पीपुल्स तथा हाजी सतार मो. द्गिक्षण एवं लोक कला संस्था के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुए तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये पुरजोर समर्थन किया साथ ही राजस्थानी भाषा की मान्यता पर राजस्थानी गीत परम्परागत अंदाज में गाकर शहरवासियों को सहयोग का आहवान किया।

समिति के चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि अभियान के आठवें दिन आज बाड मेर जिले के अन्तर्राष्ट्रीय खयाति प्राप्त लोक कलाकार मंगणियारों द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता के समर्थन में सामुहिक जन से समर्थन में सामुहिक रूप से समर्थन हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा की मान्यता पर तैयार किए राजस्थानी भाषा रो हे मान घणों, देद्गा विदेद्गां में सम्मान घणों, मायड दे दो मानता, नही तो गीत गाकर थारवासियों को जागरूकता का संदेद्गा दिया। अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार के दल ने अपने परम्परागत साज यंत्र हारमोनियम, ,खड ताल, ढोल, सारंगी, सहित राजस्थानी भाषा के प्रति अपने हिये के लगाव का सचित्र विवरण कर रोमांचित कर दिया। अन्तर्राष्ट्रीय खयाति प्राप्त लोक कलाकर फकीरा खां के दल ने कलेक्टर परिसर के बाहर लगे हस्ताक्षर अभियान के बैनर के आगे परम्परागत राजस्थानी गीत गाकर ध्यान आकर्षण किया।

फकीरा खां ने बताया कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति व परम्परा को मांगणियार लोक कलाकार बचाए है।राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये चलाए अभियान की जानकारी मिलने पर राजस्थानी लोक संस्कृति के पहचान मांगणियार, लंगा, ढाढी समाज में जुमी की लहर है। ये सभी जातियां राजस्थानी भाषा में गाना बजाकर अपना पेट पालते है। राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले, इसके लिए हमारा समाज पूरी तरह से सहयोग के लिए तैयार है। हमने राजस्थानी भाषा को मानता के लिये राजस्थानी गीत भी तैयार किए है इन गीतों के माध्यम से पूरे जिले में राजस्थानी के प्रति अलख जगाएगें। लोक कलाकार कला खां लखा ने कहा कि मंगणियार राजस्थानी भाषा की शान बान और शान के कद्गादे विदेद्गा में पढ़ते है, विदेद्गा भी राजस्थानी भाषा के दीवाने है। मगर हम अपने घर में बेगाने है। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने में हम पूरा सहयोग करेगें।

संकल्प संस्था सचिव विजय कुमार ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों के दम पर ही राजस्थानी संस्कृति का साथंण संभव हुआ है। राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये आगे आकर इन्होने अपना फर्ज अदा किया है। पार्षद सुरतानसिंह देवड़ा ने बताया कि लोक कलाकार ने सात समन्दर पार अपनी जादुई आवाजों से पहुचाई है। अभियान को समर्थन देकर हस्ताक्षर उन्होने राजस्थानी भाषा के प्रति अपने लगाव को उजागर किया। समिति संयोजक रिड मलसिह दांता ने बताया कि लोक कलाकारों द्वारा मानता राजस्थानी भाषा मानता पर बनाए गीतों का पूरे जिले में प्रचार-प्रसार में उपयोग कर लोक कलाकार के कार्यक्रम तय कर जागरूकता के प्रयास किए जाएगें।

अभियान में गफूर खां, विद्गाला कला खान,जुमा खान,द्गाकुर खान,बाबु खान,दायम खान,खेता खान,जादम खान,बाल कलाकार सवाई खान ने हस्ताक्षर कर अपना समथर्न दिया।आज ८ वें दिन एडवोक रूपसिह राठोढ ,कवि नरसिंह जीनगर,मनोज पारीख,रमेद्गा विद्गनोइ सूरताराम चौधरी,दूर्जनसिह गुडीसर,यूसूफ खान, नें भी अपना योगदान दिया।

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