रविवार, 27 फ़रवरी 2011

बिना पुलिस सत्यापन के हथियार लाइसेंस जारी]o

 बाडमेर सीमावर्ती बाडमेर जिले में वर्ष 2002 और 2003 में जिला प्रशासन द्धारा हथियार अनुज्ञा पत्र जारी करने में ना केवल सारी अनियमितताऐं बरती बल्कि पूलिस विभाग द्धारा सत्यापन तक नहीं कराया गया।संवाददाता द्धारा की गई पडताल में सामने आया कि साल 2002 और 2003 में जिला प्रशासन द्धारा छ व्यक्तियों को पुलिस सत्यापन कराऐं बिना मनमर्जी से अनुज्ञा पत्र जारी कर दिए | गोरतलब बात हैं की इस सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय पाकिस्तान के आई एस आई दलालों को तों लाइसेंस जारी नहीं किए ।


अति जिला कलेक्टर द्धारा उपलब्ध कराई गई सुचना के अनुसार जिला प्रशासन द्धारा राजेन्द्रसिंह पुत्र प्रतापसिंह,चम्पालाल पुत्र करनाराम,गंगाराम पुत्र द्रोराराम प्रजापत,सुजानसिंह पुत्र प्रतापसिंह,विनोद कुमार पुत्र गागनदास निवासी जोधपुरएतथा अलीप कुमार पुत्र परमानन्द निवासी बाडमेर को पुलिस सत्यापन के बिना हथ्यिार अनुज्ञा पत्र जारी किऐं गऐ।इनमें से विनोद कुमार तथा दिलीप कुमार सस्त्र विक्रेता हैं। श्री गंगानगर में हथियार अनुज्ञा पत्र प्रकरण की र्तज पर ही बाडमेर के जिला प्रशासन द्धारा संदिग्ध लोगों को पूलिस सत्यापन कराऐं बिना अनुज्ञा पत्र जारी करना पूरे मामलें को संदेह के घेरे में लाती हैं।जिला पुलिस अधीक्षक संतोद्गा चालके ने बताया कि सस्त्र अनुज्ञा पत्र में आवेदन कर्ता का पुलिस सत्यापन कराया जाने का प्रावधान हे।

इसके बावजूद जिला कलेक्टर के विवके पर निर्भर हैं कि बिना पुलिस सत्यापन के अनुज्ञा पत्र जारी कर सकतें हैं। 6 मामलों में पूलिस सत्यापन ना कराना संदंह कें घेरे में पूरी प्रक्रिया आती हैं।श्री गंगानगर में हथियार अनुज्ञा पत्र जारी करने को लेकर मचे बवाल के बावजूद जिला प्रशासन द्धारा बिना पुलिस सत्यापन के अनुज्ञा पत्र जारी करने की उच्च स्तरीय जॉच होनी चाहिये ताकि पूरा प्रकरण की सच्चाई सामने आ सके। जिला कलेक्टर गोरव गोयल ने बताया कि मामले की जॉच अतिरिक्त जिला कलेक्अर को सौंप दी हैं

थार एक्सप्रेस में एक यात्री की मौत


बाड़मेर। भारत पाक के बीच चलने वाली थार एक्सप्रेस में शुक्रवार देर रात गुजरात निवासी एक यात्री की मौत हो गई। थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान जाने के लिए 245 यात्री जोधपुर के उपनगरीय स्टेशन भगत की कोठी से शुक्रवार देर रात रवाना हुए थे।
थार एक्सप्रेस के इस फेरे में गुजरात के क'छ क्षेत्र के सिद्धिक इसाम ओडेचा (65) पुत्र हिसाक ओडेचा पाक के हैदराबाद जाने के लिए अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहा थे। ट्रेन के बाड़मेर से आगे रामसर स्टेशन पहुंचने पर उसकी तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई और मुनाबाव पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मुनाबाव में थार के यात्रियों के लिए नियुक्त चिकित्सकों ने उसे तत्काल ए?बुलेंस से बाड़मेर के लिए रवाना किया। बाड़मेर में चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चिकित्सा सुविधा का अभाव
जोधपुर से मुनाबाव और मुनाबाव से जोधपुर के लिए 7-8 घंटों के सफर में थार के अन्दर मोबाइल चिकित्सा सुविधा नहीं है। पूर्व में भी थार एक्सप्रेस में सफर के दौरान तबीयत बिगड़ने से 4-5 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मुनाबाव स्टेशन पर भी चिकित्सा के माकूल प्रबंध नहीं है।
243 यात्री गए
सिद्धिक की मौत होने और उसकी पत्नी के रूकने की वजह से 245 यात्री की जगह 243 थार यात्री पाक गए। पाक से भारत में 301 यात्री मुनाबाव पहुंचे। अगले फेरे से आगामी छह माह के लिए भारतीय थार पाक में जीरो लाइन स्थित रेलवे स्टेशन तक जाएगी।

राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए हस्ताक्षर


राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए किए हस्ताक्षर
जैसलमेर। राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर चल रहे अभियान के तहत शुक्रवार को हनुमान चौराहे पर मरूधर शिक्षण संस्थान की ओर से हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। गौरतलब है कि प्रदेशभर में शुक्रवार को राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया था। इसी कड़ी में जैसलमेर के हनुमान चौराहे पर इसका आगाज हुआ। इस दौरान शहर के निवासियों ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने व मान्यता दिलाने के लिए अपने हस्ताक्षर कर समर्थन दिया।
हस्ताक्षर अभियान का श्रीगणेश पूर्व सांसद मानवेन्द्रसिंह व विधायक छोटूसिंह भाटी ने किया। अभियान में जैसलमेर सहित बाड़मेर व अन्य स्थानों से भी लोग शामिल हुए। इससे पूर्व हनुमान चौराहे पर राजस्थानी भाषा मान्यता मंच के सदस्य व सहयोगी संगठनों के सदस्यों ने भी अपने हस्ताक्षर किए और चौराहे से आवाजाही कर रहे लोगों को राज्य भाषा को मान्यता दिलाने के लिए हस्ताक्षर करने की अपील की। अभियान के दौरान स्थानीय बाशिंदों में काफी उत्साह देखने को मिला। 

शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई,वसुन्धरा फिर बनी नेता प्रतिपक्ष









शुभकामनाएं एवं हार्दिक बधाई,वसुन्धरा फिर बनी नेता प्रतिपक्ष
करीब एक वर्ष के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे फिर से राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर आएंगी। आखिरकार भाजपा विधायक दल ने वसुंधरा राजे को शनिवार को अपना नेता चुन लिया। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने इसकी घोषणा की।

सूत्रों के मुताबिक नंदलाल मीणा ने वसुंधरा राजे के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे भाजपा विधायक दल ने बहुमत से पारित कर दिया। वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू और थावरचंद गहलोत आज सुबह ही जयपुर पहुंचे थे।

वसुंधरा राजे, अरूण चतुर्वेदी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में पार्टी पर्यवेक्षक वेंकैया नायडू से चर्चा की। इस संबंध में प्रदेश के अन्य प्रमुख नेताओं के साथ ही पार्टी के विधायकों को भी प्रदेश मुख्यालय बुलाया गया था। जहां दोपहर बाद हुई भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद वसुन्धरा राजे को विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने की घोषणा कर दी गई।

गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव की हार के बाद भाजपा ने प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे को केंद्र में महासचिव का पद सौंपा था और प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर को हटाकर अरूण चतुर्वेदी को प्रदेशाध्यक्ष बनाया था। इसके बाद विधायक दल के नेता के लिए केंद्र व प्रदेश में लगातार अन्य नेता के नाम पर जद्दोजहद जारी रही, लेकिन एक नाम पर सहमति नहीं बन पाई। इस दौरान पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को सदन में उपनेता के रूप में पार्टी की कमान सौंपी गई और प्रतिपक्ष के नेता का मामला तय नहीं हो पाया

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

राजस्थानी भाषा रो हे मान घणों, देद्गा विदेद्गां में सम्मान घणों, मायड दे दो मानता



बाड़मेर[चन्दनसिंह भाटी] राजस्थान की लोक संस्कृति के पहरूए मंगणियार लोक कलाकार आज कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेद्गानल एण्ड सोद्गिायल डवलपमेंन्ट सोसायटी, गु्रप फोर पीपुल्स तथा हाजी सतार मो. द्गिक्षण एवं लोक कला संस्था के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुए तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये पुरजोर समर्थन किया साथ ही राजस्थानी भाषा की मान्यता पर राजस्थानी गीत परम्परागत अंदाज में गाकर शहरवासियों को सहयोग का आहवान किया।

समिति के चन्दनसिंह भाटी ने बताया कि अभियान के आठवें दिन आज बाड मेर जिले के अन्तर्राष्ट्रीय खयाति प्राप्त लोक कलाकार मंगणियारों द्वारा राजस्थानी भाषा को मान्यता के समर्थन में सामुहिक जन से समर्थन में सामुहिक रूप से समर्थन हस्ताक्षर कर राजस्थानी भाषा की मान्यता पर तैयार किए राजस्थानी भाषा रो हे मान घणों, देद्गा विदेद्गां में सम्मान घणों, मायड दे दो मानता, नही तो गीत गाकर थारवासियों को जागरूकता का संदेद्गा दिया। अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार के दल ने अपने परम्परागत साज यंत्र हारमोनियम, ,खड ताल, ढोल, सारंगी, सहित राजस्थानी भाषा के प्रति अपने हिये के लगाव का सचित्र विवरण कर रोमांचित कर दिया। अन्तर्राष्ट्रीय खयाति प्राप्त लोक कलाकर फकीरा खां के दल ने कलेक्टर परिसर के बाहर लगे हस्ताक्षर अभियान के बैनर के आगे परम्परागत राजस्थानी गीत गाकर ध्यान आकर्षण किया।

फकीरा खां ने बताया कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति व परम्परा को मांगणियार लोक कलाकार बचाए है।राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये चलाए अभियान की जानकारी मिलने पर राजस्थानी लोक संस्कृति के पहचान मांगणियार, लंगा, ढाढी समाज में जुमी की लहर है। ये सभी जातियां राजस्थानी भाषा में गाना बजाकर अपना पेट पालते है। राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले, इसके लिए हमारा समाज पूरी तरह से सहयोग के लिए तैयार है। हमने राजस्थानी भाषा को मानता के लिये राजस्थानी गीत भी तैयार किए है इन गीतों के माध्यम से पूरे जिले में राजस्थानी के प्रति अलख जगाएगें। लोक कलाकार कला खां लखा ने कहा कि मंगणियार राजस्थानी भाषा की शान बान और शान के कद्गादे विदेद्गा में पढ़ते है, विदेद्गा भी राजस्थानी भाषा के दीवाने है। मगर हम अपने घर में बेगाने है। राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने में हम पूरा सहयोग करेगें।

संकल्प संस्था सचिव विजय कुमार ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय लोक कलाकारों के दम पर ही राजस्थानी संस्कृति का साथंण संभव हुआ है। राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये आगे आकर इन्होने अपना फर्ज अदा किया है। पार्षद सुरतानसिंह देवड़ा ने बताया कि लोक कलाकार ने सात समन्दर पार अपनी जादुई आवाजों से पहुचाई है। अभियान को समर्थन देकर हस्ताक्षर उन्होने राजस्थानी भाषा के प्रति अपने लगाव को उजागर किया। समिति संयोजक रिड मलसिह दांता ने बताया कि लोक कलाकारों द्वारा मानता राजस्थानी भाषा मानता पर बनाए गीतों का पूरे जिले में प्रचार-प्रसार में उपयोग कर लोक कलाकार के कार्यक्रम तय कर जागरूकता के प्रयास किए जाएगें।

अभियान में गफूर खां, विद्गाला कला खान,जुमा खान,द्गाकुर खान,बाबु खान,दायम खान,खेता खान,जादम खान,बाल कलाकार सवाई खान ने हस्ताक्षर कर अपना समथर्न दिया।आज ८ वें दिन एडवोक रूपसिह राठोढ ,कवि नरसिंह जीनगर,मनोज पारीख,रमेद्गा विद्गनोइ सूरताराम चौधरी,दूर्जनसिह गुडीसर,यूसूफ खान, नें भी अपना योगदान दिया।

गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

राजस्थानी भाषा को प्राथमिक शिक्षा से पाठ्यक्रम में लागू किया जाए


राजस्थानी भाषा मान्यता अभियान को मिल रहा जबरदस्त समर्थन
राजस्थानी भाषा को प्राथमिक शिक्षा से पाठ्यक्रम में लागू किया जाए


बाड़मेर। राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग लेकर कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेशनल एण्ड सोशियल डवलपमेंन्ट सोसायटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स द्वारा राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान के प्रति थारवासियों का सम्मान दिन ब दिन ब़ता जा रहा है। अभियान के सातवें दिन थार के सैकड़ो छात्रछात्राओं ने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन व्यक्त किया वही छात्रछात्राओं ने एक स्वर में राजस्थानी भाषा को प्राथमिक शिक्षा स्तर से ही पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की बात कही।
बुधवार की रोज छात्रछात्राएं समुह के रूप में अपने हस्ताक्षर कर अभियान की समर्थन दिया। छात्र सवाई चारण ने बैनर पर समर्थन में लिखा कि इण रो इतिहास अनूठा है इण माय मूलक की भाषा है, चंहुकू चावी में लावी आ तो राजस्थानी भाशा है। छात्र चारण ने कहा कि मायड़ भाषा राजस्थानी ने प्रदेश की सरकार पैली कक्षा से पाठ्यक्रम में सम्मिलित करनी चाइयें। इण बगत राजस्थानी भाषा रे साथे भेदभाव के कारण संस्कृति और भाषा विरासत खत्म होने की कगार माथे है। छात्रा गायत्री ने कहा कि अंग्रेजी स्कूलों में पने के बावजूद छात्रछात्राऐं अपनेअपने घरों में मायड़ भाषा का ही उपयोग आम बोली चाली में करते है। राजस्थानी भाषा को विरासत एक ही दशा में बच सकती है इसे पाठ्यक्रम के रूप में सम्मिलित किया जाए। छात्रों ने एक स्वर में जय राजस्थान, जय राजस्थानी, अपणों राजस्थान आपणी राजस्थान की जयजय कार कर अपने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया।भीम विद्या मन्दिर स्कूल के व्यवस्थापक प्रेम परिहार नें बताया कि छात्र छात्राऐ अीियान का हिस्सा बन कर गोरवान्वित महसू कर रहे हैं।ं समिति के संयोजक रिड़मलसिंह दांता ने बताया कि समिति राजस्थानी भाषा के प्रति आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से छात्रछात्राओं की मेराथन रैली का आयोजित किया जाएगा। साथ ही राजस्थानी भाषा के नुक्कड़ नाटकों का आयोजन भी किया जाएगा।
अभियान के सातवे दिन बुधवार को छात्रछात्राओं ने हस्ताखर कर अभियान को समर्थन दिया। वही कमठा मजदूर यूनियन के अध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने भी अभियान के समर्थन की घोषणा की समिति के चन्दनसिह भाटी ने कहा कि थारवासियों में जागरूकता के लिये सामुहिक रूप से एक दिन का उपवास भी रखा जाएगा ताकि राजस्थानी भाषा के साथ आमजन से सीधा जुड़ाव है। संकल्प संस्था सचिव विजय कुमार ने कहा कि जिले में चल रही जनगणना में लगे कार्मिक प्रथम भाषा के रूप में राजस्थानी दर्ज कर अपना फर्ज निभाऐं। उन्होने कहा कि शहरी क्षैत्र में समस्त वार्डो के पार्षदों से मिली जानकारी के अनुसार शहरवासियों ने अपनी गणना के दौरान प्रथम भाषा के रूप में राजस्थानी ही दर्ज कराई है। अभियान के कारण लोगो में राजस्थानी भाषा के प्रति जागरूकता आई है। पार्षद सुरतानसिंह देवड़ा ने बताया कि सभी पार्षद अपनेअपने वार्डो में प्रथम भाषा के रूप में राजस्थानी भाषा दर्ज करा रहे है। युवा कांग्रेस के शहर अध्यक्ष दुर्गादास राठौड़ ने युवाओं से अपील की है कि जनगणना में प्रथम भाशा के रूप में राजस्थानी दर्ज कराए।

बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

राजस्थान का सांस्कृतिक विकास राजस्थानी के बिना अधूरा डॉ आईदानसिंह भाटी





राजस्थान का सांस्कृतिक विकास राजस्थानी के बिना अधूरा डॉ आईदानसिंह भाटी
बाड़मेर। मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता दिलाने के लिये कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेशनल एण्ड डवलपमेंन्ट सोसायटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा संचालित मान्यता हस्ताक्षर अभियान के छठे दिन समर्थनों का तातां लगा रहा रही वरिष्ठ साहित्य कार्यो ने अभियान को सार्थक व बहुउद्देशीय बताते हुए समर्थन किया। हिन्दी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार एवं थार संस्थान के संरक्षक ने आईदानसिह भाटी ने सघर्ष समिति को भेजे समर्थन पत्र में लिखा है कि मायड़ भाषा के अभाव में संस्कृतियां नष्ट हो रही है
हस्ताक्षर अभियान में शामिल होकर वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. ओकॉर नारायणसिंह ने कहा कि राजस्थानी भाषा मॉ और हिन्दी बेटी है। बेटी मॉ से आगे निकल गई। उन्होने कहा कि इतिहास को कुरेदने से बेहतर से राजस्थानी भाषा को मान्यता में आ रही अड़चनों को दूर किया जाए। उन्होने कहा कि पिछले कुछ सालों से राजस्थानी को मान्यता देने की मांग बराबर की जा रही है मगर इस बार जो पूरे राजस्थान में राजस्थानी भाषा के प्रति आस्था का ज्वार उमड़ा है। उससे लगता है कि हम कायम होगें। उन्होने कहा कि जनगणना सबसे मजबूत कड़ी है, राजस्थानी अपनी मातृ भाषा के रूप में राजस्थानी दर्ज कराकर अपना धर्म निभाए। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार कन्हैयालाल वक्र, रणवीरसिंह भादू, सीताराम राहगीर, गौतम चमन, जेठमल पुरोहित, डॉ. ओम भाटिया, कवि कृष्ण कबीर, सुन्दरदल देथा, खुशालनाथ धीर, पुरूषोंतम सिंघल तथा डॉ. बंशीधर तातेड़ ने राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रयासों का पुरजोर समर्थन कर भरपूर सहयोग के लिए आश्वस्त किया। अभियान में अब तक 38 सौ से अधिक थारवासियों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने के लिए हस्ताक्षर का अपना समर्थन दे चुके है। समिति के संयोजक रिड़मलसिंह दांता, चन्दनसिंह भाटी, विजय कुमार, पार्षद सुरतानसिंह के प्रयासों की सराहना की।

रिफाइनरी की स्थापना के बाद बाय-प्रोडक्ट से होगा विकास बाड़मेर


रिफाइनरी की स्थापना के बाद
बाय-प्रोडक्ट से होगा विकास

बाड़मेर

बायतु के लीलाणा गांव में प्रस्तावित रिफाइनरी की स्थापना के बाद रिफायनरी से बनने वाले बाय प्रोड्क्टस से जिले का महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास होगा। तेल रिफाइन के बाद निकलने वाले अवशेष से बिट्टूमीन व अन्य रसायन से बड़ी इकाइयां लगाई जा सकेगी। इससे क्षेत्र के उद्यमियों को नए उद्योगों से जुडऩे का मौका मिल सकेगा। जिले में हजारों श्रमिकों को रोजगार मुहैया होगा। वहीं राज्य सरकार को भी इंडस्ट्रीज व अन्य छोटे-मोटे उद्योगों के जरिए टैक्स के रूप में करोड़ों रुपए की रेवेन्यू मिलेगी।

जिले में रिफाइनरी की स्थापना को लेकर क्षेत्र के लोगों ने अभी से सपने संजोने प्रारंभ कर दिए हैं। तेल रिफाइन के बाद बाय प्रोडक्ट्स से माल तैयार करने के लिए उद्योग लगाना क्षेत्र के उद्यमियों के लिए नया अनुभव होगा। जिले के उद्यमी इस क्षेत्र में संभावनाएं तलाशने में जुटे हुए हैं। क्षेत्र के उद्यमियों का मानना है कि रिफाइनरी लगने के बाद कम से कम 25 किमी के दायरे में औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। नया इंडस्ट्रीयल एरिया बनने के साथ ही अंतर राष्ट्रीय स्तर के उद्योगों से जुडऩे का मौका मिलेगा। जिले को अंतर राष्ट्रीय बाजार मिलेगा: रिफाइनरी के बाय प्रोडक्टस से तैयार उत्पादों को बिक्री को लेकर बाड़मेर में अंतर राष्ट्रीय मार्केट तैयार होगा। यहां बने प्रोडक्टस को राज्य के साथ- साथ देश के अन्य हिस्सों में भी बिक्री के लिए बाजार मिलेगा।
 

इस क्षेत्र में भी हो सकेगा विस्तार: रिफाइनरी की स्थापना से औद्योगिक विकास के साथ स्थानीय स्तर पर विशाल बाजार भी तैयार होगा। बाहरी श्रमिकों को भी यहां रोजगार मिलने से लोकल बिक्री की डिमांड बढ़ेगी। नई -नई आवासीय कॉलोनियां विकसित होगी। होटल्स निर्माण के साथ ही छोटे-मोटे रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

उद्यमी संभावनाएं तलाशने में जुटे
 

ञ्चरिफाइनरी की स्थापना से जिले का अभूतपूर्व विकास होगा। मोटे तौर पर बायप्रोडक्टस से बिटुमिन्स, एनसलेरी सहायक उद्योग, रसायन आधारित बड़ी इकाइयों की स्थापना हो सकेगी। वहीं मशीनरी प्लांट, मशीनरी रिपेयरिंग के उद्योग भी पनप सकेंगे। नई हाऊसिंग कॉलोनियों का भी विकास होगा। रोजमर्रा की वस्तुओं की भी डिमांड बढऩे से नए मार्केट की स्थापना होगी, वहीं होटल निर्माण में तेजी आएगी।
 

ओ पी गोस्वामी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, बाड़मेर
 

ञ्चरिफाइनरी की स्थापना से नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। बायो प्रोडक्ट्स से प्रारंभ होने वाले उद्योगों की स्थापना को लेकर क्षेत्र के उद्यमी संभावनाएं तलाशने में जुटे है। औद्योगिक विकास से हर फील्ड का विस्तार होगा। इससे बेरोजगारों को रोजगार के नए नए अवसर मिल सकेंगे।

रतनलाल वडेरा, अध्यक्ष, ग्वार गम व उद्योग संघ, बाड़मेर
 

ञ्चबायो प्रोडक्ट के रूप में मोम, डामर, प्लास्टिक बनाने के लिए रॉ मेटेरियल उपलब्ध होने से औद्योगिक क्षेत्र का विकास होगा। ट्रांसपोर्टेशन भी बढ़ेगा। बनने वाले नए औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने पर प्लानिंग की जा रही है।
 

वीरचंद वडेरा, अध्यक्ष, मंडी व्यापार संघ, बाड़मेर
 

कौन से उद्योग पनपेंगे

रिफाइनरी की स्थापना के बाद क्षेत्र में बायोप्रोडक्ट्स से बिटुमिन्स प्रोसेस, कोलतार, रंग, रसायन, ग्रीस, एरोसाल, इथर, एनसलेरी सहायक उद्योग, मोम, डामर, मिथेन गैस, ईथेन आधारित प्लांट, बोरिंग, मशीनरी प्लांट, मशीनरी रिपेयरिंग इकाइयां पनपेगी।

25 किमी में होगा विकास

रिफाइनरी एक्सपर्ट लोगों का मानना है कि रिफाइनरी स्थल से 25 किमी की दूरी तक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सकती है। रिफाइनरी नजदीक होने से कच्चा माल परिवहन में आसानी होगी। इससे उद्यमियों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
 

एक्सपर्ट व्यू
 

ञ्चरिफाइनरी की स्थापना के बाद बायोप्रोडक्ट्स इथर, कोलतार, मोम, रंग, रसायन आधारित बड़ी औद्योगिक इकाइयों की स्थापना से जिले का विकास हो सकेगा। मशीनरी आधारित इकाइयों की भी स्थापना होगी। इन इकाइयों की स्थापना से हजारों श्रमिकों को रोजगार मिलेगा।
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जगदीश मेहता

पांच वर्ष तक का कोई बच्चा दवा से वंचित नहीं रहे:गोयल


पांच वर्ष तक का कोई बच्चा दवा से वंचित नहीं रहे:गोयल


बाड़मेर

जिले में पल्स पोलियो अभियान 27 फरवरी से आयोजित किया जाएगा। इस दौरान जिले में पांच वर्ष तक की उम्र के चार लाख नब्बे हजार छत्तीस बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी।

जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को पल्स पोलियो अभियान के संबंध में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। जिला कलेक्टर ने कहा कि अभियान में पोलियो बूथ पर बच्चों को दवाई पिलाने का कार्य विशेष प्राथमिकता से किया जाए। साथ ही अधिकाधिक बच्चे खुराक ले सके, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाए। उन्होंने कहा कि पल्स पोलियो अभियान में जिन विद्यालयों में बूथ बनाया गया है, वे समस्त विद्यालय रविवार को खुले रहेंगे।

गोयल ने कहा कि पांच वर्ष तक का कोई बच्चा पोलियो की दवाई से वंचित नहीं रहे। इसके लिए विशेष प्रयास किए जाए। केंद्र पर नहीं आने पर अगले दिन घर घर जाकर खुराक पिलाने के लिए संबंधित की जवाबदेही तय की जाएगी। उनहोंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि विद्यालयों में प्रार्थना के समय बच्चों को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 27 फरवरी के बारे में अवगत कराया जाए।
 

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गणपतसिंह राठौड़ ने बताया कि अभियान में जिले में कुल 4 हजार 134 बूथों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में चार लाख पचपन हजार नौ सौ नौ तथा शहरी क्षेत्र में चौंतीस हजार एक सौ सताइस बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इसके लिए कुल 259 सेक्टर अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि निदेशालय से प्राप्त पल्स पोलियो अभियान के संबंध में आईईसी सामग्री की ओर से व्यापक प्रचार प्रसार करवाया जा रहा है।

जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी एवं पल्स पोलियो प्रभारी डॉ. एम एल मौर्य ने अभियान को सफल बनाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग के लिए अपील की तथा संबंधित खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे अभियान को सफल बनाने के लिए बूथ मोबाईलाइजेशन के लिए एनसीसी, स्काउट गाइड का सहयोग लेने तथा प्रत्येक विद्यालय के दस बड़े बच्चों का दल बनाकर बूथ मोबाइलाइजेशन के लिए सहयोग करने के प्रयास करेंगे।

बैठक में डॉ. शेखर सिंघल एसएमओ, एनपीएसपी यूनिट जोधपुर ने पल्स पोलियो की क्रियान्विति के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं प्रारंभिक, समस्त खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मत भूलो मायड़ भाषा रो मान’


‘मत भूलो मायड़ भाषा रो मान’
दैनिक भास्कर टॉक शो में साहित्यकारों ने की मायड़ भाषा की पुरजोर पैरवी
भास्कर न्यूज & बाड़मेर
हम ये नहीं कहते कि अंग्रेजी या हिन्दी मत बोलो। हम तो कहते है कि मायड़ भाषा राजस्थानी का अधिक से अधिक चलन हो। मातृ भाषा हिन्दी व अंग्रेजी की जहां बोलने की आवश्यकता अधिक महसूस हो, वहीं उपयोग करें। केंद्र में कई मंत्री अपनी स्टेट की भाषा में ही भाषण देते है। वहीं का पहनावा पहनते है। राजस्थानी भाषा का समृद्ध इतिहास है। संस्कृति, लोककला, खान-पान, रहन सहन, पहनावा सबसे प्यारा और न्यारा है।’ मायड़ भाषा राजस्थानी को मान्यता दिलाने को लेकर यहीं पुरजोर पैरवी मंगलवार को ‘दैनिक भास्कर’ कार्यालय में आयोजित ‘राजस्थानी भाषा को कैसे मिले मान्यता’ विषयक टॉक शो में शहर के नागरिकों ने कही। 

मल्लीनाथ छात्रावास के व्यवस्थापक कमलसिंह महेचा ने कहा ‘राजस्थानी साहित्य सूं समृद्ध है। राजस्थानी री वीर रस, श्रृंगार रस तो कोई सांनी कोनी। राजस्थानी राजस्थान रे कोने-कोने में बोलीजे है। शब्दों रो अंतर है, पण भाव एक ही जेड़ों है।’

राजकीय महाविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. ओंकार नारायणङ्क्षसह ने कहा ‘मायड़ भाषा ने मान्यता दिलावण सांरू ओ प्रयास चोखो है। राजस्थानी मां है, जद की हिंदी उनरी बेटी है। पण आज बेटी मां रो स्थान ले अर बैठी है। राजस्थानी रो भक्ति साहित्य जिणमें पाबूजी री पड़, बाबा रामदेव रो इतिहास, मेवाड़ री वीर गाथा, मीरा रो अरदास किण ही साहित्य हूं कम नी है।’

शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी (प्रा.शि.) डॉ. लक्ष्मीनारायण जोशी ने कहा ‘आजादी रे इत्ता बरसो बाद भी राजस्थानी भाषा ने मान्यता दिलाण सारू आवाज उठाणी पड़े। जद कि इण मायड़ भाषा रो लंबो चौड़ो इतिहास संजोउड़ों है। भाषा रै साथै साथै अठै रो मान, संस्कृति, लोक कला, खान पान पुरी दुनियां मानै है। बाहर रा अंग्रेज अठे आ अठै री संस्कृति देखण सारूं तरसे है। अठै रो पहनाणों मन ने लुभावै।’

राजस्थानीय भाषा मान्यता समिति बाड़मेर के पूर्व अध्यक्ष कन्हैयालाल वक्र ने कहा ‘जिण भाषा में मीरा करी गिरधर री अरदास, बा आपणी राजस्थानी ने सब मान दिलाओ। म्हे खासे बरसों सूं राजस्थानी ने मान्यता दिलाण सारूं प्रयास करूं हूं, इण वास्ते म्हे पत्र पत्रिकाओं में लेख लिख्या। कविता सूं आपरी बात कही। पण आज खुशी है कि सब लोग इण सारूं आगे आया है। तीस मार्च राजस्थान दिवस माथै सगला लोग एक दिन रो उपवास राख न अरदास करें।’

एबीईईओ कमलसिंह राणीगांव ने कहा ‘राजस्थानी रो बोलचाल में ज्यादा सूं ज्यादा प्रयोग होवे। जिण सूं घर परिवार में इण भाषा रै प्रति मोह जागसी। ’

कमठा मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष लक्ष्मण वडेरा ने कहा ‘राजस्थानी मान्यता रो ओ हेलो घर घर से उठावणो पड़सी। राजस्थानी री मान्यता सारूं ईमानदारी, वफादारी सूं काम करणो पड़सी।’

कृष्णा संस्था के चंदनसिंह भाटी ने कहा ‘बाड़मेर सूं चली आ मान्यता री आवाज राजस्थान रै गांव गांव तक पहुंचसी। गांव-गांव सूं उठयूड़ी आवाज विधानसभा और संसद में पहुंच राजस्थानी ने मान्यता दैरासी।’

सामाजिक कार्यकर्ता रणवीरसिंह भादू ने कहा ‘राजस्थानी भाषा ने पाठ्यक्रम में लागू करवाणों पड़सी। छोटी कक्षाओं सूं टाबरों ने इणरो ज्ञान कराणों पड़सी।’

जिला परिषद सदस्य कोसर बानो ने कहा ‘राजस्थानी भाषा ने मान्यता दिलाण सांरी म्हारी दिलीं ख्वाहिश है।’

पार्षद सुरतानसिंह ने कहा ‘राजस्थानी भाषा रै साथै-साथै अठे री परंपरागत देशी ऊन हूं बणन वाला उत्पाद माथै भी संकट है। राजस्थानी भाषा जदै हूं छोड़ी बिण हूं पछै अठै रो पहनावो छूट गो, संस्कृति बिखर गी।’

पूर्व जिला परिषद सदस्य रिड़मलसिंह दांता ने कहा कि ‘मायड़ भाषा री मान्यता सारूं सब लोगों ने मिलजुल प्रयास करनो पड़सी। इणमें ही सगला राजस्थानियों रो मान बढ़सी।

जिला कांग्रेस कमेटी सदस्य युसुफ खान ने कहा कि ‘ऐडो जमाणों आयो है के आपरे टाबरों ने लोग कैवे बेटा मारवाड़ी मत बोलिजे म्हारो मान सम्मान घट जावेला। इण में सुधार लाणो पड़सी। मायड़ भाषा ने बोलण सारूं हिचक छोडऩी पड़सी।’

अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां ने कहा कि ‘राजस्थानी भाषा, संस्कृति, लोक कला रै सारूं म्हारो विश्व में घणों घणों मान सम्मान होवे। बठै रा लोग अठै रा मीठा गीतों व धुनों ने सुण मस्ती में डूब जावे। अपणी नकल करणे री कोशिश करें। पणे अठे तो इण सूं लोग दूर भागे। नुवां बनड़ा तो राजस्थानी रा बोल ही ना समझै। अबे इण रो बदलाव करणो चाहिजे।’

कलाकार दिलावर खां ने कहा ‘आपरे टाबरों ने भले ही अंग्रेजी या हिंदी स्कूलों में पढ़ावो। पण राजस्थानी रो घरों व व्यवहार में घणों घणों उपयोग होनो चाहिजे। इणरे सारूं सब लोगों ने एको राखणों पड़सी।’

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

राजस्थानी भाषा के लिए दिखाई एकजुटता



राजस्थानी भाषा के लिए दिखाई एकजुटता

जैसलमेर 

राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति जैसलमेर ने राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग के समर्थन में कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को राजस्थानी भाषा में लिखा ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान के 13 करोड़ लोग पिछले 63 वर्षों से अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
 

सोमवार को संघर्ष समिति के आनंद जगाणी, सिकंदर शेख, गिरिश व्यास, आनंद व्यास, मनीष, ओमप्रकाश, लीलाधर दैया, आदर्श व्यास, बंशीलाल मंगल, मुरलीधर खत्री, रवि शर्मा, भवानीसिंह, चुन्नीलाल माली, योगेश कुमार, आनंद व्यास, आशीष व्यास, अशोकसिंह, राम तंवर, रविन्द्र छंगाणी व राजेन्द्र व्यास सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्र हुए और राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। संघर्ष समिति द्वारा भेजे गए ज्ञापन में बताया गया है कि पूरे देश के बच्चे अपनी मायड़ भाषा में शिक्षा ले रहे हैं लेकिन राजस्थान के बच्चे परभाषा में प्राथमिक शिक्षा लेने को मजबूर है। ज्ञापन में बताया गया है कि राजस्थान विधानसभा से अशोक गहलोत ने राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर लोकसभा में पारित करवाने के लिए भिजवाया गया था। जो प्रस्ताव वहां करीब सात वर्षों से लम्बित पड़ा है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि शीघ्र ही इस प्रस्ताव को लोकसभा में पारित करवाया जाकर राजस्थानी को मान्यता दिलवाई जाए।

राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव

<राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव बाड़मेर। कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेशनल एण्ड सोशियल डवलपमेन्ट सोसायटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग लेकर कमलसिंह महेचा के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर गौरव गोयल को ज्ञापन सुपुर्द किया। ज्ञापन देने थारवासियों का हुजुम उमड़ पड़ा। राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति क तत्वाधान में जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन मे ंलिखा है कि राजस्थान रा 13 करोड़ लोग लारला 63 सालां सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठ अनुसूची मेँ भेळण री मांग करता आय रै'या है अनै हाल आंदोलन रै गेड़ मेँ है । आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू राजस्थान में चाल रैयै आंदोलन सूं आप आच्छी तरियां परिचित हो ! आप राजस्थान में इण पैटै जगरुकता रा पड़तख गवाह भी हो !राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण सूं होवण आळा घाटा भी आप सूं छाना नीं है ! आज आखो राजस्थान आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण रै दुख सूं कितरो दुखी है-आ बात भी आप सूं छानी नीं है ! पूरै देश रा टाबर आपरी मायड भाषा में शिक्षा ले रैया है पण राजस्थान रा टाबर कित्ता निरभागी है कै दुनियां री ऐक लूंठी भाषा रा मालक होंवता थकां परभाषा में प्राथमिक शिक्षा लेवण नै मज़बूर है ! अब "नि:शुल्क एवम अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अधिनियम" रै आयां तो ओ और भी लाजमी होग्यो कै राजस्थान रा टाबर भी आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी में प्राथमिक शिक्षा लेवै ! पण लेवै तो कीयां लेवै ? हाल आपणी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळीजी है ! आप तो जाणो ई हो कै इण बिना आ बिद नीं बैठै सा ! आप सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी आस राखै कै आप उण री आन-बान-स्यान सारू खेचळ जरूर करस्यो । आपरै छेतर रा लोग भी आस राखै कै आप उणां नै उणां री ज़ुबान दिरावस्यो ! आप नै ध्यान ई है कै राजस्थान विधान सभा सूं मानजोग अशोक जी गहलोत सा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण रो प्रस्ताव सर्वसम्मति सूं पारित कर लोकसभा में पारित करण सारू केन्द्र सरकार नै भेजियो हो । बो प्रस्ताव बठै लारला सात बरस सूं रुळै है ! आप सूं अरज़ है कै आप मानजोग प्रधानमंत्री जी अर गुहमंत्री जी सूं मिल परा बेगै सूं बेगो राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू संविधान संषोधन विधेयक ल्यावण री ताकीद करो सा ! राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळीज्यां आपरो जस सवायो अनै ऊजळो होसी सा राजस्थान री विधान सभा खानी सूं राजस्थानी भाषा नै आठवीँ अनुसूची मेँ भेळण रो संकळप प्रस्ताव ध्वनिमत सूं पास कर परा संसद मेँ पास करण सारु केन्द्र सरकार नै 8 बरस पै'ली खिंदा राखियो है पण केन्द्र सरकार इण पेटै जरूरी संविधान संशोधन विधेयक नीँ ल्याय'र 13 करोड़ राजस्थान्यां रो अपमान कर रै'ई है । आप सूं अरज है कै आप महामहिम रै नाते संघ सरकार नै ओ जरूरी संविधान संशोधन विधेयक संसद रै इणीज सत्र ल्यावण सारु कैय'र राजस्थान्यां नै बां री मायड़ भाषा बख्सावण री किरपा कराओ सा ! ज्ञापन लेकर जिला कलेक्टर गोरव गोयल ने आश्वस्त किया कि जनभावना अनुरूप पूर्ण सहयोग के साथ ज्ञापन महामहिम को प्रेषित किया जाएगा। उन्होने कहा कि जन भावना का पूर्ण आदर होगा। ज्ञापन देने में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह, लक्ष्मण वडेरा, समिति संयोजक, रिड़मलसिंह दांता, चन्दनसिह भाटी, पार्षद सुरतानसिह देवड़ा, संकल्प संस्था के सचिव विजय कुमार, सांगसिंह लूणू, मांगूसिंह राठौड़, लक्ष्मीनारायण जोशी, दुर्जनसिंह गुडीसर, रहमान खां, कबुल खां, मुस्लिम इंतजामिया कमेमटी के सदर असरफ अली, इन्द्रप्रकाश पुरोहित, बाबुसिह, सरपंच बलवन्तसिह भाटी, भलदान चारण सुरा, रामसिंह बोथिया, दिलावर शेख, मोटाराम चौधरी सरपंच विशाला आगौर, देरासर सरपंच उम्मेदअली राजड़, राणीगांव सरपंच उगमसिह सहित सैकड़ो की तादात में राजस्थानी भाषा प्रेमी साथ थे।




सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

मायड़ भाषा की मान्यता रो काम सवा सू बडी धर्म -स्वामी प्रतापुरी



मायड़ भाषा की मान्यता रो काम सवा सू बडी धर्म -स्वामी प्रतापुरी

बाडमेर राजस्थानी भाषा म्हारी बोली री भाषा है। म्हारे हिये री जडी है इण भाषा की मानता सारू जो प्रयास हो रहा है वो पुनित प्रयास हैं औ काम मानव सेवा से सवा सू बडी धर्म है यह बात तारातरा मठ के स्वामी प्रतापपुरी ने कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेद्गान एण्ड सोद्गियल डवलपमेन्ट सोसासटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स द्वारा राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति द्वारा
जिला कलेक्टर परिसर के बाहर संचालित हस्ताक्षर अभियान में अपने हस्ताक्षर कर कही। उन्होने कहा कि १३ करोड राजस्थनीयों की मायड भाषा हिन्दी भाषा की जननी है। राज्य सरकार केन्द्र सरकार पर दबाव बनाकर राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाकर जन भावना का आदर करें। उन्होने कहा कि आखो राजस्थान इण पैटे जागरूकता रा प्रमुख गवाह भी हैं आपनी बोली राजस्थानी ने हर हाल में मानता मिलनी चाहिए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह राठौड ने कहा कि राजस्थान रा लोग लारले ६३ साल सू आपणी मायड भाषा राजस्थानी ने संविधान री आठवी अनुसूची में भंलण री मांग वास्ते आगे रैया है। पूरे राजस्थानी में राजस्थानी भाषा ने मान्तया देवण सारू अभियान चलाया जा रहा है। मिनखां री भावनाओं से आदर कर राजस्थानी ने मान्यता देवणी दीजै। इस अवसर पर कमलसिंह चूली ने कहा कि मायड भाषा री मानता में इती देरी राजस्थानी लोगो रो अपमान है।दूजे प्रदेशो मेंअपणी अपणी भाषा ने मानता दिया, सरकारी नौकरियों में प्रदेशो री भाषा जरूरी कर दी है। राजस्थानी भाषा भी स्कूलों में प्राथमिक स्तर कार्य राजस्थानी भाषा अनिवार्य करनी चीजै। उन्होने कहा कि २२ प्रादेशिक के लियये ने मानता केन्द्र सरकार दे मगर राजसथानी भाषा ने टालता जावे जो बर्दासानी होवे। हस्ताक्षर अभियान में समिति के चन्दनसिंह भाटी थारवासियो ने पाछै याद दिरायों कि जनगणना में हर थारवासी अपनी मायड़ भाषा रे रूप में राजस्थानी भाषा दर्ज करा भाषा ने मानता रो शुभ काम करावें। इस अवसर संकल्प संस्था के सचिव विजय कुमार ने कहा कि.हिवडे री ने जल्द ही मान्यता मिलनी चाहिऐ। राजस्थानी भाषा राजस्थान इस अवसर पर सरपंच बलवंतसिह भाटी, मोटाराम चौधरी, उम्मेदअली राजड , भलदान सुरा, उगमसिह राठौड , पार्षद अरविन्द जागिड , अद्गाक दर्जी, लक्ष्मीनारायण जोद्गा, वरिष्ठ पत्रकार निखिल व्यास, अद्गाक दवे, मागूसिह राठौड , रोद्गान खलीफा, धोधा खां सहित सात से अधिक थार वासियों ने अपने हस्ताक्षर कर मायड भाषा री मानता के लिये अपना समर्थन दिया। समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान में अब तक तीन से अधिक थारवासियों ने अपने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन व सहयोग दिया


राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव



राजस्थानी भाषा री मान्यता सारू महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन
जन भावना और सहयोग के साथ ज्ञापन भेजेगे महामहिम कोगौरव
बाड़मेर। कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेशनल एण्ड सोशियल डवलपमेन्ट सोसायटी तथा गु्रप फोर पीपुल्स के तत्वाधान में राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की मांग लेकर कमलसिंह महेचा के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिला कलक्टर गौरव गोयल को ज्ञापन सुपुर्द किया। ज्ञापन देने थारवासियों का हुजुम उमड़ पड़ा। राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति क तत्वाधान में जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन मे ंलिखा है कि राजस्थान रा 13 करोड़ लोग लारला 63 सालां सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठ अनुसूची मेँ भेळण री मांग करता आय रै'या है अनै हाल आंदोलन रै गेड़ मेँ है ।
आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू राजस्थान में चाल रैयै आंदोलन सूं आप आच्छी तरियां परिचित हो ! आप राजस्थान में इण पैटै जगरुकता रा पड़तख गवाह भी हो !राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण सूं होवण आळा घाटा भी आप सूं छाना नीं है ! आज आखो राजस्थान आपणी मायड भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळण रै दुख सूं कितरो दुखी है-आ बात भी आप सूं छानी नीं है ! पूरै देश रा टाबर आपरी मायड भाषा में शिक्षा ले रैया है पण राजस्थान रा टाबर कित्ता निरभागी है कै दुनियां री ऐक लूंठी भाषा रा मालक होंवता थकां परभाषा में प्राथमिक शिक्षा लेवण नै मज़बूर है ! अब "नि:शुल्क एवम अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा अधिनियम" रै आयां तो ओ और भी लाजमी होग्यो कै राजस्थान रा टाबर भी आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी में प्राथमिक शिक्षा लेवै ! पण लेवै तो कीयां लेवै ? हाल आपणी मायड़ भाषा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में नीं भेळीजी है ! आप तो जाणो ई हो कै इण बिना आ बिद नीं बैठै सा ! आप सूं आपरी मायड़ भाषा राजस्थानी आस राखै कै आप उण री आन-बान-स्यान सारू खेचळ जरूर करस्यो । आपरै छेतर  रा लोग भी आस राखै कै आप उणां नै उणां री ज़ुबान दिरावस्यो ! आप नै ध्यान ई है कै राजस्थान विधान सभा सूं मानजोग अशोक जी गहलोत सा राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण रो प्रस्ताव सर्वसम्मति सूं पारित कर लोकसभा में पारित करण सारू केन्द्र सरकार नै भेजियो हो । बो प्रस्ताव बठै लारला सात बरस सूं रुळै है !
आप सूं अरज़ है कै आप मानजोग प्रधानमंत्री जी अर गुहमंत्री जी सूं मिल परा बेगै सूं बेगो राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळण सारू संविधान संषोधन विधेयक ल्यावण री ताकीद करो सा !
राजस्थानी नै संविधान री आठवीं अनुसूची में भेळीज्यां आपरो जस सवायो अनै ऊजळो होसी सा राजस्थान री विधान सभा खानी सूं राजस्थानी भाषा नै आठवीँ अनुसूची मेँ भेळण रो संकळप प्रस्ताव ध्वनिमत सूं पास कर परा संसद मेँ पास करण सारु केन्द्र सरकार नै 8 बरस पै'ली खिंदा राखियो है पण केन्द्र सरकार इण पेटै जरूरी संविधान संशोधन विधेयक नीँ ल्याय'र 13 करोड़ राजस्थान्यां रो अपमान कर रै'ई है । आप सूं अरज है कै आप महामहिम रै नाते संघ सरकार नै ओ जरूरी संविधान संशोधन विधेयक संसद रै इणीज सत्र ल्यावण सारु कैय'र राजस्थान्यां नै बां री मायड़ भाषा बख्सावण री किरपा कराओ सा !


ज्ञापन लेकर जिला कलेक्टर गोरव गोयल ने आश्वस्त किया कि जनभावना अनुरूप पूर्ण सहयोग के साथ ज्ञापन महामहिम को प्रेषित किया जाएगा। उन्होने कहा कि जन भावना का पूर्ण आदर होगा। ज्ञापन देने में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मेजर पर्बतसिंह, लक्ष्मण वडेरा, समिति संयोजक, रिड़मलसिंह दांता, चन्दनसिह भाटी, पार्षद सुरतानसिह देवड़ा, संकल्प संस्था के सचिव विजय कुमार, सांगसिंह लूणू, मांगूसिंह राठौड़, लक्ष्मीनारायण जोशी, दुर्जनसिंह गुडीसर, रहमान खां, कबुल खां, मुस्लिम इंतजामिया कमेमटी के सदर असरफ अली, इन्द्रप्रकाश पुरोहित, बाबुसिह, सरपंच बलवन्तसिह भाटी, भलदान चारण सुरा, रामसिंह बोथिया, दिलावर शेख, मोटाराम चौधरी सरपंच विशाला आगौर, देरासर सरपंच उम्मेदअली राजड़, राणीगांव सरपंच उगमसिह सहित सैकड़ो की तादात में राजस्थानी भाषा प्रेमी साथ थे।


जय शिवशंकर केदारनाथ....केदारनाथ मंदिर का शिव लिंग १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक





जय शिवशंकर केदारनाथ

केदारनाथ हिमालय पर्वतमाला में बसा भारत के उत्तरांचल राज्य का एक कस्बा है। यह रुद्रप्रयाग की एक नगर पंचायत है। यह हिन्दू धर्म के अनुयाइयों के लिए पवित्र स्थान है। यहाँ स्थित केदारनाथ मंदिर का शिव लिंग १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हिन्दू धर्म के उत्तरांचल के चार धाम और पंच केदार में गिना जाता है। श्रीकेदारनाथ का मंदिर ३,५९३ फीट की ऊंचाई पर बना हुआ एक भव्य एवं विशाल मंदिर है। इतनी ऊंचाई पर इस मंदिर को कैसे बनाया गया, इस बारे में आज भी पूर्ण सत्य ज्ञात नहीं हैं। सतयुग में शासन करने वाले राजा केदार के नाम पर इस स्थान का नाम केदार पड़ा। राजा केदार ने सात महाद्वीपों पर शासन और वे एक बहुत पुण्यात्मा राजा थे। उनकी एक पुत्री थी वृंदा जो देवी लक्ष्मी की एक आंशिक अवतार थी।वृंदा ने ६०,००० वर्षों तक तपस्या की थी। वृंदा के नाम पर ही इस स्थान को वृंदावन भी कहा जाता है।


यहाँ तक पहुँचने के दो मार्ग हैं। पहला १४ किमी लंबा पक्का पैदल मार्ग है जो गौरीकुण्ड से आरंभ होता है।गौरीकुण्ड उत्तराखंड के प्रमुख स्थानों जैसे ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून इत्यादि से जुड़ा हुआ है। या दूसरा मार्ग है हवाई मार्ग। अभी हाल ही में राज्य सरकार द्वारा अगस्त्यमुनि और फ़ाटा से केदारनाथ के लिये पवन हंस नाम से हेलीकाप्टर सेवा आरंभ की है और इनका किराया उचित है।सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण मंदिर बंद कर दिया जाता है और केदारनाथ में कोई नहीं रुकता। नवंबर से अप्रैल तक के छह महीनों के दौरान भगवान केदा‍रनाथ की पालकी गुप्तकाशी के निकट उखिमठ नामक स्थान पर स्थानांतरित कर दी जाती है


भ्रमण


यहां स्थापित प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ केदारनाथ मंदिर अति प्राचीन है। कहते हैं कि भारत की चार दिशाओं में चार धाम स्थापित करने के बाद जगद्गुरू शंकराचार्य ने ३२ वर्ष की आयु में यहीं श्री केदारनाथ धाम में समाधि ली थी। उन्हीं ने वर्तमान मंदिर बनवाया था। यहां एक झील है जिसमें बर्फ तैरती रहती है इस झील के बारे में प्रचलित है इसी झील से युधिष्ठिर स्वर्ग गये थे। श्री केदारनाथ धाम से छह किलोमीटर की दूरी चौखम्बा पर्वत पर वासुकी ताल है यहां ब्रह्म कमल काफी होते हैं तथा इस ताल का पानी काफी ठंडा होता है। यहां गौरी कुण्ड, सोन प्रयाग, त्रिजुगीनारायण, गुप्तकाशी, उखीमठ, अगस्तयमुनी, पंच केदार आदि दर्शनीय स्थल हैं।


केदारनाथ आने के लिए कोटद्वार जो कि केदारनाथ से २६० किलोमीटर तथा ऋर्षिकेश जो कि केदारनाथ से २२९ किलोमीटर दूर है तक रेल द्वारा आया जा सकता है। सड़क मार्ग द्वारा गौरीकुण्ड तक जाया जा सकता है जो कि केदारनाथ मंदिर से १४ किलोमीटर पहले है। यहां से पैदल मार्ग या खच्चर तथा पालकी से भी केदारनाथ जाया जा सकता है। नजदीक हवाई अड्डा जौली ग्रांट २४६ किलोमीटर दूरी पर स्थित है, यहां से केदारनाथ के लिए हवाई सेवा हाल ही में शुरू हुई है।

एक विवाहिता ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली


जीप की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार दो जनों की दर्दनाक मौत
बाड़मेर बालोतरा पचपदरा मार्ग पर रविवार शाम जीप की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार दो जनों की दर्दनाक मौत हो गई। थानाघिकारी मदनलाल चौधरी ने बताया कि रविवार शाम सतीश (30) पुत्र चंपालाल निवासी बालोतरा व सुखदेव (32) पुत्र उमाराम निवासी कनाना मोटरसाइकिल पर सवार होकर बालोतरा की तरफ आ रहे थे। भांतगर हाउस के समीप सामने से आ रही जीप के चालक ने तेज गति से लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी।
भिडंत इतनी जबरदस्त थी कि काफी दूर तक मोटरसाइकिल के पुर्जे बिखर गए। हादसे में गंभीर घायलो को बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल पहुंचाया गया। जहां उपचार के दौरान दोनों ने दम तोड दिया। हादसे के बाद आरोपी जीप चालक मौके से फरार हो गया। दुर्घटना का समाचार मिलने पर अस्पताल व घटना स्थल पर बडी संख्या में लोगों की भीड एकत्र हो गई। पुलिस ने जीप क्रमांक आरजे 19 टीए 2891 तथा मोटरसाइकिल क्रमांक आरजे 04 एसबी 3292 को जब्त कर मामला दर्ज किया।


एक विवाहिता ने अपने दो मासूम बच्चों के साथ टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली

बाड़मेर. सदर थानांतर्गत एक विवाहिता को पीहर में होने वाले विवाह समारोह में सुसराल के लोगों द्वारा जाने की अनुमति नहीं देना इतना नागवार गुजरा कि उसने अपने दो मासूम बच्चों के साथ टांके में कूद कर आत्महत्या कर ली। हादसे में विवाहिता के साथ उसके दोनों बच्चों की भी मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि घटना के बाद मृतका के पिता सणाऊ निवासी गुलाराम पुत्र अर्जनराम भील ने मामला दर्ज करवाते हुए बताया कि ससुराल पक्ष की ओर से पीहर(सणाऊ) में होने वाले एक शादी कार्यक्रम में नहीं भेजने से नाराज होकर उसकी पुत्री पालू देवी (23) पत्नी चेतनराम भील अपने दो बच्चों कुमारी चेलू (क्2) व देवाराम (2माह) ससुराल राणीगांव स्थित घर में बने टांके में कूद गई। इससे तीनों की मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रविवार, 20 फ़रवरी 2011

राजस्थानी भाषा मान्यता हस्ताक्षर अभियान, राजस्थान की ओलखाण राजस्थानीबाड़मेर



राजस्थानी भाषा मान्यता हस्ताक्षर अभियान, राजस्थान की ओलखाण राजस्थानीबाड़मेर

राजस्थान की ओलखाण राजस्थानी


राजस्थानी भाषा मान्यता हस्ताक्षर अभियान, राजस्थान की ओलखाण राजस्थानीबाड़मेर[चन्दन भटी] राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बाड मेर में कृष्णा संस्था, संकल्प एज्यूकेद्गानल एण्ड सोद्गिायल डवलपमेंन्ट सोसायटी एवं गु्रप फोर पीपुल्स द्वारा राजस्थानी भाषा मान्यता सघर्ष समिति के तत्वाधान में चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान को थार की जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। अभियान के तीसरे दिन शनिवार को साढे छः सौ से अधिक लोगो ने दस्तखत कर अपना समर्थन दिया। समिति राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के उद्‌देद्गय से जिला कलक्टर कार्यालय के बाहर हस्ताक्षर अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला परिषद्‌ सदस्य श्रीमती कोसर बानो ने कहा कि राजस्थानी भाषा संसार की सिरेजोड ा भाषावा माये सू एक है, इण में रती भर रो ही फरक कोनी। इण भाषा रौ इतिहास ढाई हजार बरस जूनी है। अर इण रो सयद कौस सैसू लूंठौ है। जिणमें दो लाख दस हजार शब्द है। मिसरी सी मीठी भाषा के सागे भेदभाव कर लोगों मिनखौ रे मूडे माथे तालों लगा दियों। आज तकाल भारत सरकार २२ भाषावां रे मानता दे राखी है राजस्थानी साथे आ दुभांत क्यू? कठै है राजस्थानी लोगो रो समानता रो अधिकार। राजस्थानी मिनखांॅ ने राजस्थानी भाषा ने मानता दे और समानता रो अधिकार देवणों पड ी।

इस अवसर पर संयोजक रिड़मल सिह दांता ने कहा कि राजस्थान की पहचान राजस्थानी से है। राजस्थानी भाषा की मिठास और अदब का कोई सानी नही है। उन्होने कहा कि वृहद संस्कृति की पहचान मायड भाषा राजस्थानी भाषा कोई मान्यता देने दिलाने के लिए आम जनता में जबरदस्त उत्साह है। इस अवसर पर चन्दनसिंह भाटी ने कहा कि हर राजस्थानी के कण्ठ में बसी राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिये हर स्तर पर जरूरी प्रयास करने होगें। इसके लिए हर स्तर पर जरूरी प्रयास करने होगें। इसके लिए सामुहिक प्रयासों की आवद्गयकता रहेगी। इस अवसर पर पार्षद सुरतानसिह रेडाणा, अद्गवनी रामावत, रूपसिंह माडपुरा, पार्षद उमा जैन, बोला सरपंच चिमाराम चौधरी, मौलवी हनीफ, ताराराम मेगवाल, दिनेद्गा दवें, एडवोकेट उदयभानसिह, प्रकाद्गा जोद्गाी सहित सैकड ो थारवासियों ने हस्ताक्षर कर अभियान को समर्थन दिया

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