मंगलवार, 11 मई 2010

आगजनी के शिकार दलित परिवारों की सहायता की पुलिस ने

आगजनी के शिकार दलित परिवारों की सहायताआगजनी के शिकार दलित परिवारों की सहायता की पुलिस ने


बाड़मेर: राजस्‍थान के बाड़मेर जिले की पुलिस ने विपरीत बेघर परिवारों की मदद के लिए आगे आकर पुलिस का मानवीय चेहरा उजागर करने की कोशिश की है। बाड़मेर पुलिस ने आम आदमी के मन में बनी पुलिस की बनी कठोर छवि के बावजूद आमजन को अहसास कराया कि पुलिस आम लोगों की मदद के लिए भी तत्पर है।

जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष चालके को जब यह पता चला कि बाड़मेर जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर दलित भील जाति के 10 परिवारों के घर आगजनी के शिकार हो गए हैं और भील परिवार बेघर हो गए हैं, तो उन्होंने तत्काल इन बेघर परिवारों की आर्थिक मदद तथा घरेलू सामग्री वितरण पुलिस विभाग की ओर से करने के निर्देश सदर थानाधिकारी रमेश कुमार शर्मा को दिए। एसपी के निर्देश पर रमेश कुमार ने आगजनी के शिकार परिवारों के लिए अनाज, बर्तन, बिस्तर और चुल्हे-चौके जैसी आवश्यक सामग्री की व्यवस्था कर मानवता का परिचय दिया।

जिले के पुलिस कप्तान संतोष चालके के नेतृत्व में पुलिस बल ने बोला ग्राम पंचायत के भीलों की सहायता की है। इस तरह की पहल पहली बार देखी गई है। बहरहाल, बाड़मेर पुलिस ने मानवता का परिचय देकर अनुकरणीय कार्य किया है। सदर थानाधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि गरीब परिवारों की सहायता का उद्देश्य उन परिवारों को पुलिस विभाग की ओर से आश्वस्त करना था कि पुलिस उनके दुख-दर्द में साथ है। दनकी हरसम्भव मदद को तैयार है।

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