गुरुवार, 20 मई 2010

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Googleबाड़मेर: जातीय पंचायत का मौत के बदले मौत का फरमान

बाड़मेर: भारत-पाकिस्‍तान अंतरराष्‍ट्रीय सीमा पर स्थित राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव तहसील के जालेला गांव में जातीय पंचायत ने एक परिवार का हुक्‍का-पानी बंद करने और मौत के बदले मौत का फरमान सुनाया है। पीडि़त पक्ष ने पुलिस अधीक्षक के सामने पेश हो न्याय की गुहार लगाई है। बाड़मेर जिले के शिव थाना क्षेत्र के जालेला गांव निवासी सवाई सिंह ने पुलिस अधीक्षक संतोष चालके को बताया कि लगभग तीन साल पुर्व उनके बच्चे और नखतसिंह के बच्‍चे आपस में खेल रहे थे। खेल-खेल में नखत सिंह के बच्चे शिशुपाल सिंह की मृत्यु हो गई थी। इस पर नखतसिंह का परिवार इस मामले को लेकर जातीय पंचायत में चला गया। बकौल सवाई सिंह, ‘जातीय पंचों ने मेरे परिवार का आजीवन हुक्का-पानी बन्द करने के साथ गांव से दरबदर का फरमान जारी किया था। साथ ही, मौत के बदले मौत का फरमान जारी किया था। जातीय पंचायत के बाद भय और आंतक की वजह से हमारे परिवार ने तीन साल पहले ही गांव छोड़ दिया था। समाज से भी मुझे बहिष्कृत किया गया था। परिवार में शादी की वजह से मैं अपने परिवार के साथ 14 मई को गांव आया। गांव में पहुंचते ही जातीय पंचों ने धमकियां देना शुरू कर दिया। इसी रात मैं अपने सगे-संबंधियों के साथ देर रात शादी की योजना पर बातचीत कर रहा था। इसी दौरान वहां कानसिंह, भूरसिंह, नरपतसिंह सहित 11 लोग आए और उन्होंने हमारे आशियानों में आग लगा दी। सभी आरोपी झोपडों को चारो और से घेर के खडे थे ताकि हमारा परिवार बाहर नहीं आ सके। कुछ लोगों ने हमारी मदद कर हमें आग से बाहर निकाला। आज जैसे-तैसे आरोपियो से नजरें बचा कर आपसे मिलने (एस.पी.) बाड़मेर आया हूं। मुझे न्याय दिलाएं तथा आरोपियों को गिरफ्तार करें। आरोपी बदले की भावना में मुझे और मेरे परिवार को मौत के घाट उतारना चाहते हैं।’ पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि फरियादी का मामला शिव थाने में दर्ज कर उसे पूरी सुरक्षा दे दी गई है। मामले के अनुसंधान का कार्य थानाधिकारी भंवरदान को दिया गया है और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया गया है। आरोपियों को बख्‍शा नहीं जाएगा।


मुठभेड़ में मरे तस्कर का नहीं हो पाया पोस्टमार्टम

परिजनों ने थानेदार के विरूद्ध मामला दर्ज करने की मांग की)बाड़मेर । जिले के देवगढ़ थाना अंतर्गत लसानी के जंगल में बाड़मेर एवं देवगढ़ पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में पुलिस गोली से मरे तस्कर छोटूराम जाट के शव का बुधवार को अजमेर में पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। वहीं परिजनों ने कल्याणपुर थानाधिकारी उदयसिंह के विरूद्ध मामला दर्ज करने की मांग की।इधर बुधवार सुबह पुलिस महानिदेशक टी.एल. मीणा देवगढ़ पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया वही देवगढ़ थाने में एतियात के तौर पर बड़ी संख्या में एम.बी.सी. का जाप्ता तैनात था। मृतक तस्कर रावर बिलाड़ा जोधपुर निवासी छोटूराम पुत्र दयाराम जाट के 15-20 परिजन जिनमें अधिक युवा थे देवगढ़ थाने पहुंचे व पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर आक्रोश किया।जिला पुलिस अधीक्षक नितिनद्वीप व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वासुदेव भट्ट रात से ही एस.एफ.एल. टीम के साथ देवगढ़ में डेरा डाले है।कल्याणपुरा थानाधिकारी उदयसिंह भाटी ने देवगढ़ थाने में दोनों तस्करों के विरूद्ध जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया है।मुठभेड़ में बाड़मेर पुलिस के वाहन पर दो गोली लगी थी वहीं कामलीघाट चौराहे पर तस्करों ने तीन हवाई फायर किए थे। मृतक छोटूलाल तथा देवपुरा राशमी चित्तौडग़ढ़ निवासी शंकर पुत्र छोगालाल अहीर डोडा पोस्त के अवैध करोबार में लिप्त है तथा कई थानों में इनके विरूद्ध हत्या का प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज है। पुलिस को आशंका है कि जिस वाहन स्कॉर्पियो में तस्कर सवार थे वो भी चोरी की हो सकती है। समाचार लिखे जाने तक अजमेर में मृतक तस्कर के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया था।
न्यू बॉम्बे से चोरी हुई गाडी में सवार थे तस्कर
बाडमेर । राजसमन्द जिले के देवगढ थाना क्षेत्र में मंगलवार को पुलिस व तस्करों के बीच हुई मुठभेड के दौरान तस्कर जिस गाडी में सवार थे, वह पांच दिन पहले न्यू बॉम्बे से चोरी हुई थी। वहां के एक थाने में वाहन चोरी का मामला भी दर्ज है।
पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि बिलाडा के रावर गांव का रहने वाला छोटू जाट व चितौडगढ निवासी उसका साथी शंकर स्कार्पियो गाडी में सवार थे। इस स्कार्पियो पर जो नम्बर प्लेट लगी थी, वह किसी जीप की थी। चैसिस नम्बर के आधार पर जांच कराने पर पता चला कि यह गाडी पांच दिन पहले न्यू बॉम्बे से चोरी हुई थी। इस गाडी के चोरी होने का मामला भी न्यू बॉम्बे थाने में दर्ज हुआ है। संभवत: इन तस्करों ने यह गाडी न्यू बॉम्बे से चुराई। पुलिस इसकी पडताल कर रही है।
गौरतलब है कि बाडमेर के बलदेवनगर निवासी किरतेश से चार दिन पहले पुलिस ने चोरी की एक गाडी बरामद की। किरतेश ने यह गाडी छोटू जाट से खरीदना बताया। चालके ने बताया कि चितौडगढ निवासी शंकर फिलहाल देवगढ पुलिस की कस्टडी में है। उधर बाडमेर पुलिस की टीम बलदेव नगर में हैड कांस्टेबल समेत दो जनों पर फायरिंग करने के आरोपी दिनेश उर्फ दीनिया निवासी भूरटिया की तलाश में जुटी है।
पाकिस्तान नए बंकर व टॉवर बना रहा है।
अन्तराष्ट्रीय सीमा के उस पार पाकिस्तान नए बंकर व टॉवर बना रहा है। इन निर्माण कार्यो को देख सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने चौकसी बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार राजस्थान व पंजाब से सटी सीमा के उस पार पाकिस्तान ने 19 नए बंकर स्थापित किए हैं तथा लगभग 40 नए वॉचिंग टॉवर बनाए हैं। कुछ साल पहले पाकिस्तान ने अपनी सीमा चौकियों की संख्या भी बढ़ाई थी। पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय नियमों को ताक पर रखकर चौकियों के निर्माण पर श्रीगंगानगर जिले से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव उत्पन्न हो गया था और दोनों देशों के बीच दो दिन तक फायरिंग भी हुई थी। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी बताते हैं कि भारत की सीमा पर पुराने बंकरों की मरम्मत का काम चल रहा है। यह कार्य शुरू होने के बाद पाकिस्तान ने तेजी लाते हुए नए टॉवरों और बंकरों का निर्माण शुरू कर दिया। नियमों के सवाल पर चुप्पीसीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों से जब यह पूछा गया कि नए बंकरों और वॉचिंग टॉवरों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत हुआ है या नहीं, तो इस बारे में सीसुब के अधिकारी चुप्पी साध गए। नए बंकर सीमा के नजदीकपाकिस्तान के नए निर्माण कार्यो के बारे में केन्द्रीय गृह सचिव एवं सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच हुए विचार-विमर्श के बाद सीमा सुरक्षा बल के उच्चाधिकारियों ने पिछले दिनों सीमा क्षेत्र का दौरा किया और सीमा पार की गतिविधियों की जानकारी ली। नए बंकर सीमा के नजदीक हैं।तीन दर्जन निगरानी टॉवरसीमा सुरक्षा बल से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ ही समय में पाक ने तीन दर्जन से अधिक निगरानी टॉवर बनाए हैं। बल के अधिकारियों का कहना है कि नए टॉवर भारतीय टॉवरों के सामने ही बनाए जा रहे हैं।ये निर्माण19 नए बंकर40 नए वाचिंग टॉवर
सीमा पार से आने वाले तिलोर अब थार से मुहं मोडने लगे

बाडमेर । घास के मैदान व आश्रय स्थल नष्ट होने से सीमा पार से थार में पहुंचने वाला तिलोर (चिडिया) की संख्या अब कम होने लगी है। कोयम्बटूर स्थित सालिम अली इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री के भारतीय मरूस्थल पर शोध के मुताबिक थार में तिलोर की संख्या लगातार कम हो रही है। तिलोर घास के मैदानों में प्रजनन करते हैं।
सीमावर्ती बाडमेर व जैसलमेर तथा और जोधपुर के कुछ इलाकों में मवेशियों की संख्या बढने और चारागाह कम होने से सीमा पार से आने वाले तिलोर अब थार से मुहं मोडने लगे हैं।
जोधपुर में भी नहीं दिखतेभारतीय प्राणी सर्वेक्षण के पक्षी विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार कहते हैं कि पहले जोधपुर के आस-पास के इलाकों तिलोर अक्सर दिखाई दे जाते थे, लेकिन अब ऎसा नहीं है। कभी-कभार दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में जरूर कुछ तिलोर जरूर देखे जाते हैं।
कुरजां की संख्या बढीअंतरराष्ट्रीय के्रन्स फाउंडेशन के शोध के मुताबिक साइबेरिया से दक्षिणी पूर्वी एशिया में आने वाली क्रेन्स अफगानिस्तान 'फ्लाई वे' के बाद गायब हो जाती थी। वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की तो पता लगा कि अफगानिस्तान के आकाश के ऊपर से गुजरते इन पक्षियों को मनोरंजन और शिकार के लिए मार गिराया जाता था, लेकिन इसमें अब कमी आई है। पक्षी विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार छंगानी के अनुसार मारवाड के कुछ इलाकों में पानी व भोजन की उपलब्धता में कमी के कारण भी उन इलाकों में आने वाली कुरजां अब जोधपुर जिले के खींचन की और शिफ्ट हो गई। खींचन में कुरजां के लिए भोजन व पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। कुल मिलाकर पूरे राजस्थान में कुरजां की संख्या में बढोतरी हो रही है।

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