मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

BARMER NEWS TRACK



बाडमेर। जिला कलक्टर गौरव गोयल ने जिले में पेयजल की आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए निर्देश दिए है कि पेयजल के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा तथा इसमें लापरवाही बरतने पर कडी कार्यवाही की जाएगी। वे सोमवार प्रात: साप्ताहिक समीक्षा बैठक को सम्बोधत कर रहे थे। इस अवसर पर जिला कलक्टर गोयल ने बताया कि जिले में पेयजल की समस्या प्रमुख है तथा इस निवारण में तत्परता की आवश्यकता है।
उन्होंने पेयजल से संबंघित स्वीकृत कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अवैध नल कनेक्शन हटाने के निर्देश देते हुए बताया कि दुबारा अवैध कनेक्शन करने पर संबंघित व्यक्ति के विरूद्ध पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया जाकर न्यायालय में चालान पेश करवाए जाए। उन्होने कन्टीजेन्सी के फेस द्वितीय के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की तथा बकाया हैण्डपम्पों व नलकूपो की खुदाई को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।
गोयल ने बाडमेर शहर में दोपहर में बिजली की कटौती नहीं करने को कहा। उन्होंने गेंहंू रोड पर अधूरे ट्यूबवेल की खुदाई पूर्ण करने की भी हिदायत दी। उन्होंने नलकूपों की खुदाई के मामले में भू जल विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र देने पर ठेकेदार से कार्य करवाने को कहा। पाबूसरी में कन्टीजेन्सी के कार्य पर बिजली विभाग को अण्डर टेकिंग लेकर विद्युतीकरण का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। असफल हैण्ड पम्पों का दुबारा भौतिक सत्यापन करवाकर संशोघित स्वीकृति आदेश जारी करने की भी हिदायत दी।

जिला कलक्टर ने जलदाय विभाग के अघिकारियों से कहा कि उनका सर्वोपरि कार्य लोगों को पेयजल पहुंचाना होना चाहिए तथा इसके लिए वे व्यक्तिगत स्तर पर सक्रिय रहकर कार्य करें तथा स्वीकृत कार्य शीघ्र चालू करवाने के साथ ही ठेकेदारों की समस्याओं का भी समाधान करें। बैठक में अतिरिक्ति जिला कलक्टर एच.एस.मीणा, उपखण्ड अघिकारी मीठूसिंह, सहायक प्रभारी अघिकारी चूनाराम पूनड व अधीक्षण अभियन्ता डी.सी.विश्नोई तथा जलदाय विभाग के अघिशाषी अभियन्ता उपस्थित थे।



आंधी का कहर जारी


बाडमेर।थार में दूसरे दिन भी रेतीली आंघियों ने जनजीवन को अस्त व्यस्त रखा। सुबह से ही धूल के गुब्बार उडने शुरू हो गए जो देर शाम तक जारी रहे। सीमावर्ती क्षेत्रों पर सडकों पर रेत जमा हो जाने से वाहनों के आवागमन को लेकर परेशानी शुरू हो गई है। सोमवार को सुबह से ही तेज गति से हवाओं के चलने का दौर शुरू हो गया। दोपहर को तापमान बढने के साथ लू व आंधी शुरू हो गई। राष्ट्रीय राजमार्ग पंद्रह और मेगा स्टेट हाईवे पर चलने वाले वाहनों के लिए धूल में उडते गुब्बार मुश्किल बन गए और आगे आते हुए वाहन नहीं सूझ रहे थे। दिन में वाहनों की आवाजाही इसी कारण कमजोर हो गई। चौहटन, सिवाना, शिव, गुडामालानी, धोरीमन्ना सहित जिले भर में आंघियों का दौर चला।


सरपंच पर पांच-पांच हजार रूपए जुर्माना (कोस्ट) लगा दिया।

जोधपुर। राज्य में नरेगा योजना के तहत जनहित कार्यो के लिए जिला कलेक्टरों द्वारा निविदाएं मांगे जाने को विभिन्न ग्र्राम पंचायतों के सरपंचों की ओर से चुनौती दिए जाने को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान उ"ा न्यायालय न केवल याचिकाओं को खारिज कर दिया बल्कि सरपंचों के इस कृत्य के लिए उनके विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणियां की और प्रत्येक सरपंच पर पांच-पांच हजार रूपए जुर्माना (कोस्ट) लगा दिया।
न्यायाधीश डॉ. विनित कोठारी ने राजस्थान प्रदेश सरपंच एसोसिएशन तथा विभिन्न ग्र्राम पंचायतों के सरपंचों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एम.आर. सिंघवी व अन्य द्वारा दायर इन याचिकाओं पर कडे शब्दों में कहा कि सरपंचों को ग्राम पंचायतों में जनहित की योजनाएं लागू करने की जिम्मेदारी के साथ ही कई कानूनी अधिकार दिए गए हैं, जिनका उन्हें जनहित में उपयोग करना चाहिए न कि स्वयं हित के लिए। न्यायाधीश ने कहा कि नरेगा योजना ग्रामीणजन के लिए चलाई जा रही है।
जिला कलक्टर के पास विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की देखरेख और समन्वय का जिम्मा है, ऎसे में जिला कलेक्टर द्वारा निविदाएं आमंत्रित कर ली गई तो इसमें गलत क्या हैक् निविदाएं आमंत्रित करने को सरपंच जो कि जन प्रतिनिधि हैं, के द्वारा चुनौती दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि संदेहास्पद कदम है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि नरेगा अधिनियम में योजना के तहत किए जाने वाले कार्यो में मशीनरी उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है और सिर्फ मानव संसाधन ही लगाए जा सकते हैं, लेकिन जिला कलक्ेटरों द्वारा जारी निविदाओं में मशीनें उपयोग लेने की छूट दे दी गई है, जो अधिनियम के प्रावधानों व योजना के उद्देश्य के विरूद्ध है। अन्य याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता पी.एस. भाटी ने कहा कि योजना के तहत निविदा सरपंच ही आमंत्रित कर सकते हैं।
राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता आनन्द पुरोहित का कहना था कि सरपंचों की याचिकाएं अनुचित है अधिनियम में मशीनरी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं है। जिला कलक्टरों से निविदाएं योजनाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार पर अंकुश के उद्देश्य से जारी करवाई गई है। राज्य सरकार ने सरपंचों को कई अधिकार दिए हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि सरकार जनहित में स्वयं कार्य ही नहीं कर सकती। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि ये याचिकाएं अनुचित है। उ"ा न्यायालय ने कई सरपंचों द्वारा मिलकर याचिकाएं दायर किए जाने पर आश्चर्य जताते हुए सरपंचों पर व्यक्तिगत रूप से पांच-पांच हजार रूपए कोस्ट लगाते हुए याचिकाएं खारिज कर दी।





'मिलावट करनेवालों के खिलाफ होगी कार्रवाई'



बाडमेर । राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि सरकार आम जन को मिलावट रहित तथा शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है तथा मिलावट करने वालों के विरूद्ध कडी कार्यवाही की जाएगी। वह सोमवार को शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत जिला स्तर पर चल प्रयोगशाला के उदघाटन कार्यक्रम को सम्बोघित कर रहे थे।इस अवसर पर राजस्व मंत्री ने बताया कि मनुष्य के लिए स्वास्थ्य सर्वोपरि है तथा शुद्धता उसका मूल अघिकार है।
आम आदमी को शुद्ध चीजें उपलब्ध हों इसके लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप आज सभी जिला मुख्यालयों पर चल प्रयोगशालाओं को आरम्भ किया जा रहा है। इसमें कोई भी उपभोक्ता अथवा दुकानदार किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री की जांच करवा सकता है।
उन्होंने बताया कि उपभोक्ता के बुलावे पर चल प्रयोगशाला उपलब्ध होगी। इस मौके पर जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने कहा कि इस चल प्रयोगशाला का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि आम जन व आम उपभोक्ता इससे लाभान्वित हो सके।
उन्होंने इसे उपभोक्ता के अघिकारों के संरक्षण के लिए मील का पत्थर बताया। इस अवसर पर जिला कलक्टर गौरव गोयल ने बताया कि इससे आम उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
इससे पूर्व जिला रसद अघिकारी ललित जैन ने चल प्रयोगशाला पर प्रकाश डाला। उद्घाटन के अवसर पर पुलिस अधीक्षक संतोष चालके, अपर कलक्टर एच.एस.मीणा, मुख्य कार्यकारी अघिकारी रामावतार मीणा, विधायक पदमाराम मेघवाल, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उषा जैन, एडवोकेट सुनीता चौधरी समेत जनप्रतिनिघि तथा अघिकारी उपस्थित थे।









'काम नहीं करना है तो इस्तीफा दो'

जैसलमेर। 'पीएमओ साहब, काम नहीं करना है तो सरकार को इस्तीफा दे दो। गर्मी कितनी तेज है, मरीज पंखे व कूलर नहीं होने से बेहाल हैं। भगवान से डरो। ऎसी व्यवस्थाएं क्या आप अपने घर मे रखतेक् क्या घर मे कूलर या पंखा खराब होने पर आप उसे ठीक कराने के लिए इतना इंतजार करते'क् सोमवार को राजकीय जवाहर चिकित्सालय के दौरे के दौरान जिला प्रमुख अब्दुला फकीर ने जब अव्यवस्थाओ का आलम देखा तो प्रमुख चिकित्सा अघिकारी पर अपना गुस्सा जाहिर करने से खुद को नहीं रोक पाए।
उन्होने चिकित्सालय मे जब अव्यवस्थाओ का आलम देखा तो नाराजगी जताई और पीएमओ को लताड भी लगाई। जिला प्रमुख फकीर के साथ प्रधान मूलाराम चौधरी के साथ ही उपखण्ड अघिकारी रमेशचन्द्र अग्रवाल भी थे। उन्होंने वार्डो में निरीक्षण के दौरान भीषण गर्मी को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में मरीजों की सुविधा के लिए पंखे व कूलर नहीं होने पर इसे गंभीरता से लेते हुए प्रमुख चिकित्सा अघिकारी डॉ. बीएल गुप्ता को सभी वार्डो में पर्याप्त संख्या में कूलर लगाने की व्यवस्था करने को कहा।
उन्होंने प्रसूति कक्ष में खराब पडे एसी के बारे में भी प्रमुख चिकित्सा अघिकारी से जानकारी ली।
प्रमुख चिकित्सा अघिकारी ने बताया कि यह एसी काफी लम्बे समय से बंद पडा है। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए निर्देश देकर मौके पर ही मिस्त्री को बुलाकर खराब एसी चालू करवाया। जिला प्रमुख फकीर ने ओपीडी कक्ष, प्रसूति कक्ष, मेल एवं फीमेल वार्ड, सर्जिकल वार्ड और शिशु वार्ड का भी दौरा किया और मरीजो को दी जा रही चिकित्सा सेवाओ की भी जानकारी ली। उन्होंने वार्डो में शौचालयों में सफाई व्यवस्था पर भी असंतोष जताया। उन्होंने इसके साथ ही जैनरिक दवाइयों के काउंटर का भी निरीक्षण किया।
खुद ही कर दी घोषणा
जिला प्रमुख ने जवाहर चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान वार्डो में गर्मी को देखते हुए मरीजों की सुविधा के लिए पर्याप्त मात्रा में कूलर की व्यवस्था नहीं पाए जाने पर अपनी ओर से नए पांच कूलर देने की घोषणा की। उन्होंने सीएमएचओ डॉ. बीपी सिंह को कहा कि वे आज ही नए कूलर खरीद कर प्रसूति वार्ड के साथ ही अन्य अघिक आवश्यकता वाले वार्डो में लगाने की व्यवस्था करें। जैसलमेर प्रधान मूलाराम चौधरी ने भी पांच छत पंखे भेंट करने की घोषणा की।
तीन हत्याओं से दहशत




लूणकरनसर। रविवार रात्रि को हुई दो अलग-अलग वारदात में तीन हत्याओं के कारण इलाके के लोगों में भय व दहशत फैल गई है। इलाके में अपराधों का ग्राफ बढने के पीछे पुलिस की निष्क्रियता को मूल वजह माना जा रहा है। गौरतलब है कि कालू में हुई हत्या के मामले में पहले भी मृतक व आरोपियों के बीच झगडे हुए थे। लेकिन पुलिस ने मामले को सख्ती से नहीं लेने से हत्या की वारदात हुई। कालू में हुई हत्या के मामले में आरोपी नामजद होने के बावजूद पुलिस की पकड से दूर है।
पुलिस देरी से पहुंची घटना स्थल
राजमार्ग-15 पर स्थित पेट्रोल पम्प पर रविवार रात्रि को हुई लूट व हत्या के मामले की जानकारी मिलने पर करीब सुबह साढे 10 बजे पुलिस घटना स्थल पर पहुंची तथा रात को हुई वारदात सुबह तक पुलिस की जानकारी में नहीं होना नाकामी साबित कर रहा है। वहीं सुबह धूप निकलने तक इधर-उधर कोई भी व्यक्ति घटना स्थल पर नहीं आया। हालांकि लोकेशन को देखते हुए पम्प ऊंचे टिले पर होना भी किसी के नहीं पहुंचने की वजह हो सकती है।


सरकार की जेब में आए सौ करोड



जोधपुर। बाडमेर में खनिज तेल का वाणिज्यिक दोहन शुरू होने के बाद से जहां इस फील्ड की ऑपरेटर कम्पनी केयर्न इण्डिया की बल्ले-बल्ले हो गई है, वहीं सरकारी खजाने में भी सौ करोड से ज्यादा की राशि पहुंची है। गत फरवरी माह तक राज्य सरकार को तेल दोहन से 101.44 करोड रूपए की राजस्व आय प्राप्त हुई है।
इसमें से रॉयल्टी के रूप में 84.75 करोड रूपए एवं केन्द्रीय बिक्री कर के 16.69 करोड रूपए शामिल हैं। तेल दोहन की रफ्तार बढने के साथ इसमें और इजाफा होगा। उल्लेखनीय है कि बाडमेर में 29 अगस्त 2009 को खनिज तेल का व्यावसायिक दोहन शुरू हुआ था। इसके बाद से ही तेल दोहन में क्रमिक बढोतरी का सिलसिला जारी है।
जून में बढेगा दोहन
बाडमेर स्थित तेल क्षेत्र से केयर्न इण्डिया जून माह में उत्पादन बढाने की तैयारी में है। जानकारों के मुताबिक फिलहाल यहां 30-35 हजार बैरल तेल रोजाना निकाला जा रहा है। जून माह में तकरीबन सवा लाख बैरल तेल का उत्पादन शुरू हो जाएगा। ऎसे में तेल से मिलने वाले नॉन-टैक्स एवं टैक्स राजस्व दोनों में भी इजाफा होगा।
जारी है विवाद
इधर, केयर्न इण्डिया और राज्य सरकार के बीच वैट और केन्द्रीय बिक्री कर (सीएसटी) को लेकर भी विवाद अभी थमा नहीं है। केयर्न फिलहाल इस तेल पर सीएसटी ही चुका रही है, जबकि सरकार 'राजस्थानी' तेल पर चार प्रतिशत की दर से वैट मांग रही है। तेल का डिलीवरी पॉइन्ट गुजरात में होने के कारण इसमें कुछ तकनीकी पेंच भी है।
इस मामले को जोधपुर निवासी एक व्यक्ति ने जनहित याचिका के माध्यम से राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। याचिका में बताया गया है कि वैट नहीं मिलने से आगामी पांच साल में राज्य सरकार को तकरीबन 2400 करोड रूपए की राजस्व हानि होगी।

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